United States: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक तरफ एच-1बी वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी का फैसला किया है तो वहीं, दूसरी ओर अमेरिका में भी इसका विरोध शुरू हो गया है. अमेरिकी सांसदों और नेताओं ने इसे गलत और बेकार कदम करार दिया है. कहा कि इससे आईटी उद्योग को बड़ा नुकसान होगा. ट्रंप के इस फैसले से कनाडा और यूरोप को फायदा होगा.
अमेरिका में H-1B वीजा लेने वाले लोगों में 71% भारतीय
दरअसल, H-1B वीजा का सबसे बड़ा लाभ भारतीयों को मिलता है. अमेरिका में H-1B वीजा लेने वाले लोगों में 71% भारतीय हैं. इसके बाद चिली का नंबर है, जहां से 11.7 प्रतिशत लोग यह वीजा लेते हैं. सांसद राजा कृष्णामूर्ति ने बताया कि यह अमेरिका को कुशल और होनहार कामगारों से दूर रखने की कोशिश है. ये कामगार अमेरिकी उद्योग और नवाचार को मजबूत करते हैं और लाखों लोगों को रोजगार देते हैं.
नया एच-1बी वीजा शुल्क बड़ी टेक कंपनियों पर डालेगा असर
सांसद राजा कृष्णामूर्ति ने बताया कि कई एच-1बी वीजा धारक अब अमेरिका के नागरिक बन चुके हैं और उन्होंने नए व्यवसाय शुरू किए. यह नया एच-1बी वीजा शुल्क खासकर बड़ी टेक कंपनियों पर असर डालेगा. Amazon, IBM, Microsoft, Google, Apple, Meta, TCS, Infosys, Wipro और Tech Mahindra कंपनियों में हजारों H-1B वीजा वाले कर्मचारी काम करते हैं.
इसका सीधा असर टेक्नोलॉजी और आईटी सेक्टर पर पड़ेगा
वीजा की बढ़ी हुई कीमत की वजह से कंपनियों को अपने कर्मचारियों पर अधिक खर्च करना पड़ेगा. इसका सीधा असर टेक्नोलॉजी और आईटी सेक्टर पर पड़ेगा, क्योंकि अब कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों पर ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे और पहले जितनी बचत नहीं होगी. ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि कुछ कंपनियों ने अमेरिकी कर्मचारियों को निकालकर H-1B वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों को रखा था, जिससे कंपनियों को कम मजदूरी देकर काम चलाने का फायदा मिला. अब इस कदम से कंपनियों के लिए लागत बढ़ जाएगी.
अमेरिका की तकनीक क्षेत्र की ताकत को लगेगा बड़ा झटका
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के पूर्व सलाहकार और एशियाई-अमेरिकी समुदाय के नेता अजय भुटोरिया ने कहा कि ट्रंप के फैसले से अमेरिका की तकनीक क्षेत्र की ताकत को बड़ा झटका लगेगा. भुटोरिया ने कहा कि 2,000 से 5,000 डॉलर में अंतरराष्ट्रीय कुशल कामगारों को नौकरी देने वाली छोटी कंपनियां और स्टार्टअप्स इस फैसले से प्रभावित होंगे और मुश्किल में पड़ जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप के इस कदम का फायदा कनाडा और यूरोप जैसे देशों को होगा.
6 साल तक वैध रहता है यह वीजा
H-1B वीजा उन लोगों को मिलता है जो दूसरे देशों से अमेरिका जाकर काम करना चाहते हैं. यह वीजा 6 साल तक वैध रहता है. H-1B वीजा पाने वाले लोग अपनी पत्नी और बच्चों को भी अमेरिका में अपने साथ ला सकते हैं. इसके अलावा ये लोग अमेरिका की नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं.
इसे भी पढ़ें. पति की लाश को बनाया ‘खाद’, अब उगा रही हैं पौधे; अमेरिका के न्यू जर्सी में बना ‘Human Composting’ कानून