ONGC और BP मिलकर 2026 से शुरू करेंगे गहरे समुद्र में तेल-गैस की खोज

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी (ONGC) और वैश्विक ऊर्जा कंपनी बीपी (BP) मिलकर भारत में 2026 से गहरे समुद्र में तेल और गैस की खोज शुरू करेंगी. यह अभियान देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और तेल-गैस आयात पर निर्भरता घटाने के सरकार के मिशन का हिस्सा है. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस परियोजना में बीपी सहायक भूमिका निभाएगी. खोज अभियान मुख्य रूप से अंडमान, महानदी, सौराष्ट्र और बंगाल की अपतटीय तलछटी घाटियों पर केंद्रित होगा. इस पूरी ड्रिलिंग गतिविधि पर लगभग 3,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.
ओएनजीसी ने इस साल जुलाई 2025 में बीपी (BP) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का उद्देश्य भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है.
इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां मिलकर भूवैज्ञानिक समझ को बेहतर बनाएंगी और अप्रयुक्त हाइड्रोकार्बन संसाधनों की पहचान करेंगी.
इस परियोजना में:
  • ओएनजीसी निवेश करेगी.
  • बीपी तकनीकी विशेषज्ञता और गहरे पानी में खोज का अनुभव साझा करेगी.
  • नई भूकंपीय तकनीकों की मदद से कुओं की डिजाइन और लोकेशन तय की जाएगी.
यह सहयोग भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है.
स्ट्रेटीग्राफिक ड्रिलिंग अपतटीय बेसिनों के भूविज्ञान को समझने और संभावित हाइड्रोकार्बन संसाधनों की पहचान करने पर केंद्रित होगी, जिनका उपयोग भविष्य में तेल और गैस अन्वेषण के लिए किया जा सकता है. दिल्ली में ऊर्जा वार्ता 2025 कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।.
केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में अंडमान और निकोबार बेसिन के भूवैज्ञानिक महत्व का जिक्र किया था. भारतीय और बर्मी प्लेटों की सीमा पर स्थित इस विवर्तनिक संरचना के कारण कई स्ट्रेटीग्राफिक ट्रैप बने हैं, जो हाइड्रोकार्बन संचय के लिए अनुकूल हैं. म्यांमार और उत्तरी सुमात्रा में सिद्ध पेट्रोलियम प्रणालियों से इस बेसिन की निकटता इस भूवैज्ञानिक संभावना को और बढ़ा देती है.
एक केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक के अन्वेषण परिणाम उत्साहजनक रहे हैं. ओएनजीसी (ONGC) ने 20 ब्लॉकों में हाइड्रोकार्बन की खोज की है, जिनमें अनुमानित 75 मिलियन मीट्रिक टन तेल समतुल्य भंडार होने का अनुमान है। वहीं, ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) ने पिछले चार वर्षों में 7 तेल और गैस खोजें की हैं. इन क्षेत्रों में करीब 9.8 मिलियन बैरल कच्चा तेल और 2,706.3 मिलियन मानक घन मीटर प्राकृतिक गैस का भंडार पाया गया है.
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