China: इंश्योरेंस की वजह से दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार चीन अब एक नए संकट से जूझ रहा है. सड़कों पर तो लाखों ईवी दौड़ रही हैं लेकिन इन्हें कवर करने वाली इंश्योरेंस कंपनियां पिछले तीन साल से लगातार घाटे में हैं. उद्योग अभी भी इस बात को लेकर असमंजस में है कि इस नई वास्तविकता का मूल्य निर्धारण कैसे किया जाए.
चीन ने दुनिया भर में सबसे ज्यादा ईवी बेचीं
पिछले साल चीन ने दुनिया भर में सबसे ज्यादा ईवी बेचीं. इनसे जुड़े इंश्योरेंस प्रीमियम 141 अरब युआन (करीब 1,748 अरब रुपये) तक पहुंचे. हकीकत यह है कि सिर्फ 2024 में ही इंश्योरेंस कंपनियों को ईवी पॉलिसी में 5.7 अरब युआन (करीब 70 अरब रुपये) का घाटा हुआ. यानी जितना प्रीमियम आया, उससे ज्यादा क्लेम चुकाना पड़ा.
ज्यादा क्लेम दर्ज करा रहे हैं ईवी मालिक
हालांकि, मांग तो तेजी से बढ़ रही है लेकिन रिस्क से सभी परेशान हैं. पेट्रोल-डीजल गाड़ियों की तुलना में ईवी मालिक ज्यादा क्लेम दर्ज करा रहे हैं. इन गाड़ियों की मरम्मत भी काफी महंगी पड़ती है. ऊपर से हर साल नए मॉडल आ रहे हैं, जिससे बीमा कंपनियां अपने डेटा और रिस्क कैलकुलेशन समय पर अपडेट ही नहीं कर पा रही हैं. ईवी का सबसे महंगा हिस्सा उसकी बैटरी है, जो गाड़ी की कुल कीमत का लगभग एक-तिहाई होती है. हल्की-सी गलती, जैसे स्पीड ब्रेकर पर झटका भी बड़े खर्चे में बदल सकती है.
इसी साल ईजी टू इंश्योर नाम का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च
सरकार को भी इस बढ़ते संकट का अंदाजा है. इसी साल अधिकारियों ने ईजी टू इंश्योर नाम का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया, ताकि ईवी मालिकों को सामान्य बीमा आसानी से मिल सके. अब तक 5 लाख से ज्यादा गाड़ियां इसके तहत कवर हो चुकी हैं. इसके अलावा सरकार ने पार्ट्स की कीमतें घटाने, ऑटो कंपनियों और इंश्योरर्स के बीच डेटा शेयरिंग बढ़ाने और ग्राहकों को इंकार करने पर रोक जैसी गाइडलाइंस भी जारी की हैं.
इसे भी पढ़ें. Pakistan: वाह रे मुनीर की सेना! सो रहे पाकिस्तानियों पर ही आसमान से गिराए बम, 30 लोगों की मौत