उत्तर प्रदेश सरकार ने शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मिशन शक्ति के पांचवें चरण की शुरुआत कर दी है. यह 30 दिन तक चलने वाला अभियान महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करने के लिए संचालित किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, इस पहल का मुख्य उद्देश्य बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ाना, अपराधियों में कानून का भय पैदा करना और समाज में जागरूकता फैलाना है.
बेटियों की सुरक्षा के लिए पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
अभियान के अंतर्गत एंटी-रोमियो स्क्वॉड की सक्रियता, पिंक बूथों पर निगरानी, स्कूल और कॉलेजों में जागरूकता सत्र, लघु फिल्मों का प्रदर्शन और ग्राम पंचायत स्तर पर महिला बीट अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. आज इस अभियान के तहत एसीपी प्रथम नोएडा, श्री प्रवीण कुमार ने कंपोजिट विद्यालय परथला खंजरपुर की छात्राओं को आमंत्रित कर उन्हें पुलिस कार्य प्रणाली, महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी.
खास बात यह रही कि कक्षा 8 की छात्रा शिवानी को सहायक पुलिस आयुक्त प्रथम नोएडा (सेक्टर-6) के रूप में नियुक्त कर नेतृत्व और जिम्मेदारी का अनुभव कराया गया. इस कदम को बालिकाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरक पहल के रूप में देखा जा रहा है.
पुलिस कमिश्नरेट का उद्देश्य ना सिर्फ महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, बल्कि साइबर क्राइम और अन्य आधुनिक अपराधों के प्रति समाज को जागरूक करना भी है. मिशन शक्ति के पांचवें चरण से उम्मीद की जा रही है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं के लिए एक सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण का निर्माण होगा. इस अभियान के माध्यम से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि हर बेटी सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने की हकदार है, और समाज में उसकी भूमिका और अधिकारों का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है.