कनाडा में खालिस्तानी आतंकी की गिरफ्तारी से भारत को मिलने लगे हैं अच्छे संकेत, डोभाल को मिला था आश्वासन!

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Canada: कनाडा में खालिस्तानी आतंकी इंदरजीत सिंह गोसाल की गिरफ्तारी से भारत को अच्छे संकेत मिलने लगे हैं. माना जा रहा है कि कनाडा के खालिस्तान समर्थक PM जस्टिन ट्रूडो के जमाने में भारत-कनाडा के संबंधों में आई दरार को पाटने का प्रयास किया जा रहा है. अब नए PM मार्क कार्नी ने इसकी शुरूआत कर दी है. स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि जांच एजेंसियां सिख फार जस्टिस (SFJ) पर शिंकजा कस रही हैं. अजीत डोभाल और नाथाली जी ड्राइन की द्विपक्षीय बैठक के बाद इसका असर देखने को मिला है.

धन जुटाने में देश की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं खालिस्तानी

सूत्रों की माने तो कनाडा की खुफिया एजेंसियों के यह रिपोर्ट देने के बाद कि खालिस्तानी आतंकी तत्व अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में देश की जमीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस सकारात्मक संकेत के बाद भारत को भी लगने लगा है कि कनाडा ने आतंकवाद के खिलाफ काम करने के मुद्दे को गंभीरता से लेना शुरू किया है. 18 सितंबर को नई दिल्ली में NSA अजीत डोभाल और उनकी समकक्ष नाथाली जी ड्राइन के बीच बैठक हुई थी, जिसके बाद नाथाली ने कहा था कि ‘हमने अपनी सुरक्षा चिताओं पर चर्चा की और गैर-हस्तक्षेप का वचन दिया है.’

गोसाल की गिरफ्तारी इसी का परिणाम

अजीत डोभाल की टीम कनाडा की टीम के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रही है. गोसाल की गिरफ्तारी कनाडा में हुई है. ध्यान रहे कि खालिस्तानी आतंकी गोसाल कनाडा में प्रतिबंधित SFJ का मुख्य समन्वयक है और वह पंजाब से अलग खालिस्तान राष्ट्र के लिए समर्थन जुटाने के लिए कई जनमत संग्रह आयोजित करने के लिए जिम्मेदार था.

इस बार ध्यान मुख्य रूप से SFJ पर केंद्रित

भारतीय एजेंसियां नियमित रूप से कनाडा में अपने समकक्षों के साथ खुफिया जानकारी साझा कर रही हैं. जबकि बब्बर खालसा इंटरनेशनल जैसे संगठनों के बारे में जानकारी साझा की जा रही है. इस बार ध्यान मुख्य रूप से SFJ पर केंद्रित है. भारतीय अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि SFJ, बब्बर खालसा इंटरनेशनल के विपरीत सशस्त्र संघर्ष नहीं कर रहा है लेकिन, यह सच है कि खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा नेतृत्व किए जाने वाला यह संगठन कहीं अधिक खतरनाक है.

भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की कोशिश

SFJ खालिस्तान आंदोलन का प्रचार विंग चलाता है. अधिकांश अभियानों का केंद्र खालिस्तान निर्माण के इर्द-गिर्द घूमता है. इसने बार-बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लक्ष्य बनाकर उनकी हत्या की मांग की है. SFJ भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था. वह सिख समुदाय को उग्र बनाकर उन्हें भारत सरकार के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रेरित कर रहा था.

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