भारत के ट्रैक्टर सेगमेंट में चालू वित्त वर्ष 2025 के दौरान 4-7% की वृद्धि की उम्मीद जताई गई है. आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वृद्धि सामान्य से अधिक बारिश, ग्रामीण क्षेत्रों में आय में सुधार, फेस्टिव डिमांड और जीएसटी सुधार जैसे कारकों से संभव हो सकती है. रिपोर्ट में बताया गया कि अगस्त 2025 में ट्रैक्टर की थोक बिक्री में 28.2% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जबकि अप्रैल से अगस्त 2025 तक की कुल वृद्धि 11.7% रही.
अगस्त में खुदरा बिक्री भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 30.1% बढ़ी, जो किसानों के सकारात्मक रुख को दर्शाती है. 17 सितंबर तक भारत में लंबे समय के औसत से 108% बारिश हुई है, जिससे कृषि गतिविधियों और ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिला है. आईसीआरए ने कहा कि ट्रैक्टर पर जीएसटी पर 5% रेट त्योहारों के मौसम में मांग को बढ़ाएंगे.
इंडस्ट्री 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने वाले बीएस-VI उत्सर्जन मानदंडों से पहले प्री-बाइंग के एक और दौर की भी तैयारी कर रही है. स्थिर मांग, परिचालन लाभ और कच्चे माल की स्थिर लागत के कारण ट्रैक्टर निर्माताओं का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत रहने की उम्मीद है. टू-व्हीलर इंडस्ट्री में अगस्त में थोक बिक्री सालाना आधार पर 7.2% बढ़कर 18 लाख यूनिट हो गई.
अगस्त में खुदरा बिक्री में सिर्फ 2.2% की वृद्धि दर्ज की गई, जिसकी मुख्य वजह कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश और संभावित जीएसटी लाभ की उम्मीद में ग्राहकों द्वारा खरीदारी टालना रही. हालांकि, निर्यात ने इस सेगमेंट को सहारा दिया, जहां अगस्त में विदेशी शिपमेंट्स में पिछले वर्ष की तुलना में 27.5% की बढ़ोतरी हुई. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री में भी लगातार बढ़ोतरी देखी गई. अगस्त में 1,04,725 यूनिट्स बिकीं, जो जुलाई की तुलना में 1.8% अधिक है.
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, टू-व्हीलर सेगमेंट में ईवी की पैठ (EV Penetration) लगभग 6-7% पर स्थिर बनी रही. आईसीआरए का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में घरेलू टू-व्हीलर की बिक्री में 6-9% की वृद्धि हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़त को रिप्लेसमेंट डिमांड, शहरी बाजार में सुधार, बेहतर मानसून के चलते ग्रामीण आय में वृद्धि और जीएसटी कटौती के कारण वाहनों के अधिक किफायती होने जैसे कारक समर्थन देंगे.