नेपाल-बांग्लादेश तक फैला था जुबैर के पशु तस्करी का नेटवर्क, पूर्वी यूपी-बिहार के रास्ते पहुंचता था गिरोह

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Gorakhpur: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मुठभेड़ में मारे गए एक लाख रूपए के इनामी पशु तस्कर जुबैर के अपराध की परतें लगातार खुल रही हैं. पुलिस के मुताबिक, जुबैर ने पशु तस्करी का नेटवर्क नेपाल से लेकर बांग्लादेश तक फैला लिया था. पूर्वी यूपी और बिहार के रास्ते होकर उसका गिरोह सीमा पार तक सक्रिय था. इसी नेटवर्क के सहारे उसने करोड़ों रुपये की तस्करी की.

अपराध को ही बना लिया था अपनी पहचान

रामपुर निवासी जुबैर की अभी शादी नहीं हुई थी. उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी थी. जिसके बाद उसने अपराध को ही अपनी पहचान बना लिया था. परिवार को जानने वाले लोग बताते हैं कि पिछले छह माह से जुबैर को रामपुर में नहीं देखा गया. वह बाहर रहकर ही अपने कारोबार को संचालित करता था. जबकि उसका परिवार अब भी मोहल्ला घेर मर्दान खां में किराए के मकान में रह रहा है.

उवैद पर सबसे ज्यादा 24 मुकदमे दर्ज

जुबैर अकेला नहीं था. उसके तीनों भाई भी अपराध की दुनिया में उतरे हुए हैं. रामपुर थाने में इसके खिलाफ कुल 30 से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. उवैद पर सबसे ज्यादा 24 मुकदमे दर्ज हैं और उसके खिलाफ पहला केस वर्ष 2014 में कोतवाली रामपुर में दर्ज हुआ था. जैद पर छह मुकदमें दर्ज हैं और उसका नाम पहली बार वर्ष 2017 में पुलिस रिकॉर्ड में आया था.

खोली जा चुकी है तीनों भाइयों की हिस्ट्रीशीट

वहीं सालिब के खिलाफ आठ प्राथमिकी दर्ज हैं. इस पर पहला मुकदमा वर्ष 2020 में गंज थाने में लिखा गया. तीनों भाइयों की हिस्ट्रीशीट खोली जा चुकी है और पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि यह सभी संगठित अपराध गिरोह के हिस्से के तौर पर काम करते हैं. बताते चलें कि गोरखपुर में पिपराइच के महुआचाफी गांव में 15 सितंबर की रात दीपक हत्याकांड के आरोपी पशु तस्कर जुबैर को शुक्रवार देर रात रामपुर में पुलिस और एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया था.

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