Punjab: अमेरिका की एक और शर्मनाक हरकत सामने आई है. पंजाब की रहने वाली 73 वर्षीय हरजीत कौर को 33 साल बाद बेदखल कर उन्हें भारत भेजा. हरजीत कौर ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार अमेरिका में है और यहां भारत में वे बिल्कुल अकेली हैं. गंभीर बीमारियों के बावजूद उन्हें दवाइयां तक नहीं दी गईं.
हिरासत के दौरान झेलनी पड़ीं उन्हें कई तरह की तकलीफें
ठंड के मौसम में सोने के लिए कोई सुविधा नहीं दी गई और 10 दिनों की हिरासत के दौरान उन्हें कई तरह की तकलीफें झेलनी पड़ीं. यहां तक कि उन्हें हथकड़कियां लगाकर रखा गया. हालांकि, विमान में बैठाने के बाद उनकी बेडिय़ां खोल दी गईं और अन्य 132 भारतीयों के साथ उन्हें अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया. हरजीत कौर ने बताया कि उन्हें खाने में ठंडी रोटी और पनीर वाला बीफ दिया जाता था, जिसे उन्होंने खाने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे वे कोई अपराधी हों.
आवश्यक दस्तावेज न होने के चलते उन्हें कर दिया भारत डिपोर्ट
हरजीत कौर पिछले 33 साल से अमेरिका में अपने परिवार के साथ रह रही थीं लेकिन आवश्यक दस्तावेज न होने के चलते अमेरिकी सरकार ने उन्हें भारत डिपोर्ट कर दिया. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका ने गैरकानूनी प्रवासियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और लगातार भारतीयों समेत कई प्रवासियों को डिपोर्ट किया जा रहा है. प्रवासी भारतीय अधिकारों से जुड़े संगठनों ने इसे बेहद क्रूर, अमानवीय और अनावश्यक कदम बताया है.
अमेरिका के कैलिफोर्निया में विरोध-प्रदर्शन
अमेरिका के कुछ नेता और संगठनों ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में विरोध-प्रदर्शन किया. लोग हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिन पर लिखा था ‘हमारी दादी से हाथ हटाओ और हरजीत कौर यहीं की हैं.’ हरजीत कौर 23 सितंबर को अमेरिका की आव्रजन एजेंसी ICE (Immigration and Customs Enforcement) द्वारा एक चार्टर्ड विमान से दिल्ली लाई गईं.
जॉर्जिया शिफ्ट किया गया और फिर सीधे भारत भेज दिया
उनके वकील दीपक अहलूवालिया के अनुसार रविवार की रात उन्हें अचानक कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड से लॉस एंजिल्स ले जाया गया. वहां से उन्हें जॉर्जिया शिफ्ट किया गया और फिर सीधे भारत भेज दिया गया. इस दौरान उनके साथ बेहद कठोर व्यवहार हुआ. उन्हें बेड़ियां पहनाई गईं. कंक्रीट के छोटे-छोटे कमरों (कोठरियों) में रखा गया और कई बार बुनियादी ज़रूरतें तक नहीं दी गईं.
बीपी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं हरजीत कौर
वकील अहलूवालिया ने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया इतनी जल्दबाज़ी में हुई कि हरजीत कौर को अपने परिवार से मिलने, अलविदा कहने या अपना निजी सामान लेने की अनुमति तक नहीं दी गई. उन्होंने इसे पूरी तरह अमानवीय और संवेदनहीन कदम बताया. हरजीत विधवा हैं और बीपी और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रही हैं. सिख कोलिशन ने इस निर्वासन को अस्वीकार्य से भी परे करार दिया. उनका कहना है कि इतनी उम्रदराज़ महिलाएं जिनका स्वास्थ्य पहले ही कमजोर है, को इस तरह बेड़ियों में बांधकर भेजना न सिर्फ़ अमानवीय है बल्कि मानवीय अधिकारों का उल्लंघन भी है.
न तो पहले सूचना दी गई और न ही अंतिम विदाई का मौका मिला
हरजीत कौर के परिवार का कहना है कि न तो उन्हें पहले सूचना दी गई और न ही रिश्तेदारों से अंतिम विदाई का मौका मिला. हालांकि हर बार उनका आवेदन रद कर दिया गया. अमेरिकी पुलिस ने उन्हें 8 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया, जिसके खिलाफ अमेरिका की सड़कों पर भारी भीड़ उतर आई और उन्हें छोड़ने की मांग उठने लगी. मगर अमेरिकी प्रशासन ने अब उन्हें भारत वापस भेज दिया है.
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