UN का सख्त फैसला, ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से प्रतिबंध, ‘स्नैपबैक’ के तहत हुई यह कार्रवाई

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Tehran: संयुक्त राष्ट्र ने रविवार से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसी बीच ईरान ने कहा है कि ऐसे प्रस्तावों को मानने के लिए ईरान या अन्य संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश बाध्य नहीं हैं. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के इस कदम से इस्लामी गणराज्य पर और तेजी से दबाव बढ़ गया है, क्योंकि उसके लोग जीवित रहने के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

हथियार सौदों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर भी रोक

इन प्रतिबंधों के तहत विदेशों में ईरानी संपत्तियों को फिर से फ्रीज किया जाएगा. हथियार सौदों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर भी रोक लगा दी जाएगी. इसके अलावा अन्य उपाय भी किए जाएंगे. यह कार्रवाई स्नैपबैक नामक व्यवस्था के तहत हुई है, जो विश्व शक्तियों के साथ ईरान के 2015 के परमाणु समझौते में शामिल थी. पहले से कमजोर ईरानी अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ा है.

मांस, चावल और दूसरी चीजें आम लोगों की पहुंच से दूर

ईरान की रियाल मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और खाने-पीने की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. मांस, चावल और दूसरी चीजें आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही हैं. वहीं लोगों को डर है कि ईरान और इस्राइल व अमेरिका के बीच फिर से लड़ाई भड़क सकती है, क्योंकि जून में 12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान जिन मिसाइल ठिकानों पर हमला किया गया था, अब उनका पुनर्निर्माण किया जा रहा है.

ईरान सरकार और बढ़ा सकती है अंदरूनी दमन

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को आशंका है कि ईरान सरकार अंदरूनी दमन और बढ़ा सकती है. रिपोर्टों के मुताबिक इस साल ईरान में फांसी की सजा पाना पिछले 30 वर्षों से ज्यादा हो गया है. हालात 1980 के दशक में हुए ईरान-इराक युद्ध और पुराने प्रतिबंधों से भी कठिन हो गए हैं. महंगाई 34.5 फीसदी तक पहुंच गई है और जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतें 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हैं. बीन्स, चावल, मक्खन, चिकन जैसी चीजें बेहद महंगी हो गई हैं.

चीन और रूस इसे अकेले नहीं रोक सकते

स्नैपबैक को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद  (UNSC) में वीटो-प्रूफ बनाने के लिए डिजाइन किया गया था. इसका अर्थ यह है कि चीन और रूस इसे अकेले नहीं रोक सकते, क्योंकि उन्होंने अतीत में ईरान के खिलाफ अन्य प्रस्तावित कार्रवाइयां की हैं. फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम ने 30 दिन पहले ईरान के परमाणु कार्यक्रम की निगरानी को और प्रतिबंधित करने और अमेरिका के साथ उसकी वार्ता में गतिरोध के कारण स्नैपबैक शुरू किया था.

ईरान पर प्रतिबंध संबंधी संयुक्त राष्ट्र के पुराने नियम फिर से लागू

उधर, ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी (ई3) के इस दावे को ख़ारिज किया है कि ईरान पर प्रतिबंध संबंधी संयुक्त राष्ट्र के पुराने नियम फिर से लागू हो गए हैं. ईरान ने कहा कि ऐसे प्रस्तावों को मानने के लिए ईरान या अन्य संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश बाध्य नहीं हैं. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान राष्ट्रीय अधिकारों और हितों की पुरज़ोर रक्षा करेगा और ईरानी लोगों के अधिकारों या हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी कदम का उचित और निर्णायक जवाब दिया जाएगा.

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