Dhaka: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोपों को निराधार बताते हुए उन्हे खारिज कर दिया. जिस पर मानवाधिकार संगठन बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने गहरा दुख व्यक्त किया है. यूनुस के बयान पर परिषद में आक्रोश है. उनके इस बयान पर सच को नकारने जैसा करार दिया.
हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरों को बताया निराधार
मुहम्मद यूनुस ने एक साक्षात्कार में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरों को निराधार बताया था. यूनुस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ग्लोबल थिंकर्स ऑर्गनाइजेशन को दिए एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की. उनकी इस टिप्पणी पर मानवाधिकार संगठन ने सख्त प्रतिक्रिया दी. एक बयान जारी किया गया. बयान में कहा गया कि मुख्य सलाहकार की टिप्पणी के जवाब में प्रेस को जारी एक विरोध पत्र में यूनिटी काउंसिल की.
हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही संगठित हिंसा की दिखाई थी एक तस्वीर
केंद्रीय समिति ने कहा कि 13 अगस्त 2024 को यमुना में धार्मिक और अल्पसंख्यक नेताओं से बातचीत की गई. इस दौरान उन्होंने अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदू समुदाय के खिलाफ चल रही संगठित हिंसा की एक तस्वीर दिखाई थी और इसे तुरंत रोकने की पुरजोर मांग की थी. इसमें आगे कहा गया है कि इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र फैक्ट-फाइंडिंग मिशन की 12 फरवरी 2025 की रिपोर्ट में हिंदू समुदाय सहित अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है, जो 5 अगस्तए 2024 से शुरू हुईं और अब भी जारी हैं.
यह रिपोर्ट बांग्लादेशी राष्ट्रीय दैनिक प्रथम अलो में हुई थी प्रकाशित
देश के विभिन्न हिस्सों में अब भी छिटपुट हिंसक वारदातें जारी हैं. परिषद ने बताया कि 1 अक्टूबर 2024 को अमेरिकी समाचार एजेंसी एनपीआर को दिए एक साक्षात्कार में यूनुस ने स्वयं एक पत्रकार के प्रश्न के उत्तर में 5 अगस्तए 2024 के बाद हिंदू समुदाय सहित अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बात स्वीकार की थी. यह रिपोर्ट बाद में बांग्लादेशी राष्ट्रीय दैनिक प्रथम अलो में प्रकाशित हुई थी. यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा देखी गई है. जिससे दुनिया भर के लोगों और कई मानव संगठनों में आक्रोश फैल गया है.
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