PM Modi के व्यक्तित्व की कायल हुई डच टेक कंपनी, यूरोप को कहा- ‘सबक लेने की जरूरत’

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
ASML And PM Modi: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खासियत है कि वे पहले लोगों को ध्यान से सुनते हैं और फिर अपनी बात रखते हैं, जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है. यह बात सेमीकंडक्टर सेक्टर की दिग्गज डच कंपनी के CEO फ्रैंक हेम्सकेर्क के बयान से साफ झलकती है. डच कंपनी ASML ने यूरोपीय संघ (EU) तक अपनी सीमित पहुंच को लेकर निराशा जताई है. वहीं, फ्रैंक हेम्सकेर्क ने क्रिस्टोफ फौक्वेट की पीएम मोदी से मुलाकात का जिक्र करते हुए उनके स्वभाव की प्रशंसा की.
ब्रुसेल्स में एक यूरोप शिखर सम्मेलन के दौरान ने कहा कि यूरोपीय कंपनियों के लिए भी शीर्ष लोगों तक पहुंच बनाना हमेशा आसान नहीं होता. भारत की मिसाल पेश करते हुए बताया कि कैसे पीएम नरेंद्र मोदी जैसे नेता वैश्विक निवेशकों के लिए एक सहज और सहयोगी माहौल तैयार कर रहे हैं.

भारत का सहयोगी माहौल

हेम्सकेर्क ने बताया कि ASML के CEO क्रिस्टोफ फौक्वेट ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ करीब दो घंटे लंबी बातचीत की थी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने गहराई से सुना और बातचीत की. अंत में पीएम मोदी ने कहा कि आप बहुत मिलनसार हैं. मुझे बताएं कि हम क्या बेहतर कर सकते हैं. हेम्सकेर्क का क्रिस्टोफ फौक्वेट और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात का यह वाकया उदाहरण है कि भारत वैश्विक निवेशकों और टेक कंपनियों के लिए खुला और सहयोगी माहौल तैयार कर रहा है.

यूरोप सबक लेने की जरूरत

हेम्सकेर्क ने सुझाव दिया कि यूरोपीय नीति निर्माताओं को भी कंपनियों के साथ सीधे संवाद की संस्कृति विकसित करनी चाहिए. विशेष रूप से उन कंपनियों के साथ जो महत्वपूर्ण टेक निवेश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यदि यूरोप को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनना है, तो लचीले और व्यावसायिक रूप से अनुकूल माहौल की जरूरत है. हेम्सकेर्क ने एक पूर्व सहयोगी का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका में व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलना, यूरोप के किसी आयुक्त से मिलने की तुलना में कहीं आसान है. इस तुलना ने यूरोपीय प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

मिस्ट्रल-ASML का सौदा

ASML अधिकारी ने हाल ही में फ्रांसीसी एआई स्टार्टअप मिस्ट्रल के साथ हुई €1.3 बिलियन की डील पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समझौता किसी भू-राजनीतिक रणनीति का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका मुख्य फोकस औद्योगिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर है. अधिकारी के अनुसार, यह डील राजनीति से अधिक इंडस्ट्रियल एआई की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है.

पीएम मोदी के नेतृत्व में बेहतर माहोल

यह स्पष्ट करता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक निवेशकों और सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी जैसी महत्वपूर्ण इंडस्ट्री के लिए खुला, लचीला और व्यावसायिक रूप से अनुकूल माहौल तैयार कर रहा है. यदि यूरोप को तकनीकी क्षेत्र में अपनी आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है, तो उसे भारत जैसे देशों से सबक लेते हुए अपनी नीति-निर्माण प्रक्रियाओं को अधिक व्यवसाय-अनुकूल और पारदर्शी बनाना होगा.
Latest News

पुतिन ने साबित की दोस्ती, कहा- ट्रंप के टैरिफ से भारत को नहीं होने देंगे नुकसान, अपनी सरकार को दिया ये आदेश

India-Russia Trade : एक बार फिर व्लादिमीर पुतिन ने साबित कर दिया कि रूस भारत का सच्चा दोस्त है....

More Articles Like This