केंद्र सरकार के मुताबिक, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) को रिटेलर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद कई शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में सबसे अधिक शिकायतें दूध की कीमतों को लेकर हैं. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, एलपीजी और पेट्रोल की कीमतों को लेकर भी उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई है. उपभोक्ताओं का कहना है कि जीएसटी रेट कट के बाद भी ताजा दूध पुरानी कीमतों पर मिल रहा है, जबकि कीमतें कम होनी चाहिए थीं.
यूएचटी दूध को भी जीएसटी से दी गई है छूट
इस मामले पर सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (सीसीपीए) ने स्पष्ट किया है कि ताजा दूध पहले से ही जीएसटी के दायरे में नहीं आता है. हालांकि, हाल ही में जीएसटी दरों में किए गए सुधारों में अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध को भी जीएसटी से छूट दी गई है. ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक सामान से जुड़ी शिकायतों की भी भरमार थी. उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि ऑनलाइन खरीदे गए लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और अन्य कंज्यूमर ड्यूरेबल पर अभी भी सुधार से पहले की जीएसटी दरें लागू हैं और उन्हें टैक्स में कटौती का कोई लाभ नहीं मिल रहा है.
सुधार के बाद LPG के रेट्स नहीं हुए कम
इस पर सीसीपीए ने साफ किया कि जीएसटी सुधार के तहत टीवी, मॉनिटर, डिशवॉशिंग मशीन, एसी पर रेट 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है. लैपटॉप, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन जैसे सामान पर पहले से ही 18% की दर से जीएसटी लगता है. एक अन्य शिकायत घरेलू LPG सिलेंडर से जुड़ी थी. उपभोक्ताओं ने बताया कि सुधार के बाद LPG के रेट्स कम नहीं हुए. इस पर सीसीपीए ने बताया कि घरेलू एलपीजी पर 5% की जीएसटी दर लागू है, जिसे लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है.
पेट्रोल की कीमतें नहीं हुईं कम
पेट्रोल की कीमतों से संबंधित भी कई शिकायतें आईं.उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि पेट्रोल की कीमतें कम नहीं हुईं. जबकि सीसीपीए ने स्पष्ट किया कि पेट्रोल जीएसटी के दायरे में नहीं आता. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, पेट्रोल की कम कीमतों की उपभोक्ताओं की उम्मीद रिटेलर्स या तेल कंपनियों की किसी चूक की बजाय जीएसटी सुधार के दायरे को लेकर गलतफहमी को दर्शाती है. नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म 2025 के लागू होने के बाद से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को अब तक जीएसटी से संबंधित कुल 3,981 कॉल प्राप्त हुई हैं, जिनमें 31% पूछताछ और 69% शिकायतें शामिल हैं.(
सीसीपीए ने शिकायतों की विस्तृत समीक्षा शुरू की
इन शिकायताओं को त्वरित कार्रवाई के लिए संबंधित ब्रांड मालिकों और ई-कॉमर्स कंपनियों को भेजा गया है. इसके अलावा, सीसीपीए ने सामूहिक कार्रवाई शुरू करने के लिए इन शिकायतों की विस्तृत समीक्षा शुरू की है. कुल प्राप्त शिकायतों में से जीएसटी से जुड़ी 1,992 शिकायतें उचित कार्रवाई के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को भेजी गई हैं, जबकि 761 शिकायतें संबंधित कंपनियों को समाधान के लिए तुरंत अग्रेषित की गई हैं. जीएसटी से जुड़ी शिकायतों की यह रिपोर्टिंग केवल पहले सप्ताह की है, जो दर्शाती है कि उपभोक्ता शिकायत निवारण प्रणाली में उपभोक्ता सक्रिय और उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं. यह उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा बनाए गए संस्थागत तंत्र में जागरूकता और विश्वास की मजबूती का भी परिचायक है.