Indian Navy : वर्तमान में भारतीय नौसेना के दूसरे पनडुब्बी रोधी उथले पानी का युद्धक जहाज आईएनएस एंड्रोथ को नौसेना को सौंपा गया. जानकारी देते हुए बता दें कि इस युद्धपोत की कमीशनिंग भारत की समुद्री ताकत के साथ आत्मनिर्भरता की ओर कदम में मील का पत्थर साबित होगा. बता दें कि यह युद्धपोत अपनी तटीय सुरक्षा को बढ़ाने और भारत के दृढ़ प्रयासों का प्रतीक साबित होगा.
इसलिए रखा गया एंड्रोथ नाम
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में मौजूद एंड्रोथ द्वीप के नाम पर इसका नाम रखा गया है. माना जाता है कि यह जहाज उस द्वीप से प्रेरणा लेती है जो ऐतिहासिक रूप से भारत के पश्चिमी समुद्री तट के संरक्षक के रूप में खड़ा है. बता दें कि एंड्रोथ द्वीप ने एक प्रहरी के रूप में हमारे जलक्षेत्र की निगरानी की है, जो कि विशेष रूप से महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों की निगरानी करता है.
एंड्रोथ द्वीप अरब सागर पर करेगा निगरानी
जानकारी देते हुए बता दें कि यह एंड्रोथ जैसा द्वीप भारत के पश्चिमी समुद्री सुरक्षा ग्रिड की अग्रिम पंक्ति को मजबूत करता है. इतना ही नही बल्कि नौसेना प्रतीकात्मक रूप से द्वीप की प्रहरी की भूमिका को युद्धपोत के उद्देश्य से जोड़ती है. इसकी खासियत है कि भारत के तटों और पानी के नीचे के खतरों से चोक बिंदुओं की रक्षा करना इसका मुख्य कार्य है. ऐसे में जिस प्रकार से एंड्रोथ द्वीप अरब सागर पर निगरानी रखता है, उसी तरह आईएनएस एंड्रोथ पूर्वी समुद्र तट पर समुद्री संरक्षक के रूप में काम करेगा.
आईएनएस एंड्रोथ की खासियत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड और आईएनएस एंड्रोथ आत्मनिर्भर भारत का गौरवशाली ध्वजवाहक है. जो कि 80% से भी अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ, 1500 टन वजन उठाने के साथ हथियार और प्रणोदन प्रणाली से लैस है, जो कि खासकर करके पानी के नीचे के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने के लिए डिजाइन किया गया है. इतना ही नही बल्कि यह देश के भीतर जटिल प्लेटफार्मों को डिजाइन, विकसित और वितरित करने के संकल्प को प्रदर्शित करता है.
आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक और राष्ट्रीय गौरव के स्रोत
बता दें कि आईएनएस एंड्रोथ का भारतीय नौसेना में शामिल होना एक नए युद्धपोत के आगमन से कहीं अधिक है. बताया जा रहा है कि आईएनएस एंड्रोथ में तकनीकी और सामरिक चमत्कार, के साथ एक गौरवान्वित प्रहरी द्वीप का नाम अब आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक और राष्ट्रीय गौरव के स्रोत के रूप में जाना जाएगा. बता दें कि कुछ ही समय पहले भारतीय नौसेना में शामिल किए गए अन्य जहाजों ‘अर्नाला’, ‘निस्तार’, ‘उदयगिरि’, ‘नीलगिरि’ और अब ‘एंड्रोथ’ के साथ मिलकर नौसेना स्वदेशी डिजाइन और निर्माण के माध्यम से आत्मनिर्भरता की भावना को मूर्त रूप देते हुए अपने परिचालन क्षेत्र को मजबूत करना जारी रखेगी.
भारतीय नौसेना में शामिल हुआ एंड्रोथ
इसके साथ ही एंड्रोथ को नौसेना के लड़ाकू पोतों के बेड़े में शामिल करने के लिए आज आयोजित होने जा रहे समारोह की अध्यक्षता फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने की. ऐसे में इस मामले को लेकर जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि “भारतीय नौसेना विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में दूसरे, पनडुब्बी रोधी युद्धक, छिछले पानी के जलपोत ‘एंड्रोथ’ को शामिल करने के लिए तैयार है.”
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