अमेरिका की कार्रवाई पर भड़का इराक, इराकी संस्थाओं पर अमेरिकी प्रतिबंधों को बताया खेदजनक

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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US Sanctions on Iraq: इराक की संस्थाओं पर अमेरिका ने ट्रेजरी प्रतिबंध लगाए हैं. इसे लेकर इराक की प्रतिक्रिया सामने आई है. इराक ने अमेरिकी वित्त विभाग के इस कदम की कड़ी आलोचना की और इसे एकतरफा कार्रवाई बताया.

अल-अवादी ने जारी किया बयान (US Sanctions on Iraq)

इराकी सरकार ने शनिवार को इराकी संस्थाओं पर हाल ही में लगाए गए अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिबंधों को दोनों देशों के बीच “मित्रता और आपसी सम्मान की भावना” के विपरीत बताया. इराक की सरकार के प्रवक्ता बसीम अल-अवादी की तरफ से इस मामले में एक बयान भी जारी किया गया है. इराकी सरकार के प्रवक्ता बसीम अलावादी ने कहा, “इराक सरकार इस एकतरफा कार्रवाई को बेहद खेदजनक मानती है, क्योंकि यह मित्रता और आपसी सम्मान की भावना के विपरीत है, जो लंबे समय से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की विशेषता रही है. पूर्व परामर्श या बातचीत के बिना ऐसा निर्णय लेना सहयोगी देशों के बीच संबंधों के प्रति दृष्टिकोण में एक नकारात्मक मिसाल पेश करता है.”

अमेरिकी वित्त विभाग ने लगाए प्रतिबंध

बता दें, अमेरिकी वित्त विभाग ने गुरुवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा की. इस कार्रवाई का उद्देश्य “उन व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो ईरानी शासन को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने, हथियारों की तस्करी करने और इराक में व्यापक भ्रष्टाचार में लिप्त होने में मदद करते हैं.” अमेरिकी वित्त विभाग ने गुरुवार को मुहंदिस जनरल कंपनी और तीन इराकी बैंक अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. इनके ऊपर ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया के लिए धनशोधन का आरोप है.

इराक के प्रधानमंत्री ने दिया निर्देश

इराकी सरकार ने यह बात दोहराई है कि वह कानून के शासन और अपने द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों के प्रति प्रतिबद्ध है. सरकार ने अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका से, तकनीकी और वित्तीय मामलों पर सहयोग और जानकारी साझा करने का आह्वान किया है. इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने संबंधित मामले की समीक्षा करने और 30 दिनों के भीतर सभी आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक उपायों सहित एक विस्तृत रिपोर्ट और सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए एक उच्च-स्तरीय राष्ट्रीय समिति के गठन का निर्देश दिया है.

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