Diwali 2025: भव्य दीपोत्सव संपन्न होने और नया विश्व कीर्तिमान स्थापित होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की सुबह संकट मोचन हनुमानगढ़ी का दर्शन किया. यहां उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हुए श्रीराम भक्त हनुमान से प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की.
महंत प्रेमदास से की मुलाकात (Diwali 2025)
मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ी मंदिर के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास से भी मुलाकात की. मुख्यमंत्री के आगमन पर मंदिर परिसर “जय श्रीराम” के उद्घोष से गूंज उठा. संतों और पुजारियों ने पारंपरिक विधि से उनका स्वागत किया. हनुमानगढ़ी से निकलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधे श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे. यहां उन्होंने प्रभु श्रीरामलला के दरबार में हाजिरी लगाई, आरती उतारी और मंदिर की परिक्रमा की. मुख्यमंत्री ने राम दरबार में भी दर्शन-पूजन कर प्रदेश की उन्नति और जनकल्याण की प्रार्थना की. दर्शन के उपरांत जब वे मंदिर परिसर से बाहर निकले तो श्रद्धालुओं ने जयघोष के साथ उनका स्वागत किया.
जनता का अभिवादन स्वीकार किया
सीएम योगी ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया और बच्चों को आशीर्वाद दिया. अयोध्या प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने प्रदेशवासियों के सुखी व समृद्ध जीवन की कामना की. बता दें कि रामनगरी अयोध्या में रविवार को अपना पुराना सभी रिकॉर्ड तोड़ दिया. योगी सरकार के नौवें दीपोत्सव में अयोध्या ने फिर से दो नए रिकॉर्ड बनाए. दीपोत्सव 2025 में 26,17,215 (26 लाख, 17 हजार 215) दीप प्रज्ज्वलित किए गए. वहीं दूसरा रिकॉर्ड सरयू मैया की आरती का रहा, जहां एक साथ 2128 वेदाचार्यों, अर्चकों व साधकों ने सरयू मैया की आरती की. ड्रोन से की गई दीपों की गणना के उपरांत दीपोत्सव ने नया कीर्तिमान गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है.
राम की पैड़ी समेत 56 घाटों पर जलाए गए दीप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि की तरफ से हुई घोषणा के दौरान ही अभिभूत हो गए. एक तरफ उनके चेहरे पर मुस्कान थी तो दूसरी तरफ दोनों हाथ उठाकर संतुष्टि व खुशी का भाव. योगी की यह भाव-भंगिमा देख हर कोई आह्लादित हो उठा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर रविवार को रामनगरी अयोध्या के घर-घर, मठ-मंदिर, आश्रम, चौराहों, भवनों समेत हर जगह दीप प्रज्ज्वलित किए गए. राम की पैड़ी समेत 56 घाटों पर 26,17,215 दीप जलाए गए.