6जी की दुनिया में भारत की क्रांति… ब्रिटेन के साथ नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर शुरू करने के लिए मिलाया हाथ

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India-UK Relations: भारत 6जी की दुनिया में बड़ी छलांग लगाने वाला है. इसके लिए भारत ने ब्रिटेन के साथ मिलकर नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है. यूके इन इंडिया ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्‍ट के जरिए साझा किया है.

उन्‍होंने अपने पोस्‍ट में लिखा कि “यूके और भारत ने एक नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है, जो 6जी के भविष्य के निर्माण की दिशा में एक बड़ी छलांग है. इंडिया मोबाइल कांग्रेस में घोषित, 24 मिलियन पाउंड (करीब 255 करोड़ रुपए) की यह संयुक्त पहल नेटवर्क को तेज, स्मार्ट और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एआई का उपयोग करेगी.”

अधिक समावेशी और विश्वसनीय होगी केंद्र डिजिटल पहुंच

 इस तकनीकी विकास को लेकर कहा गया है कि यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल और विजन 2035 के तहत कार्यान्वित, यह केंद्र डिजिटल पहुंच को अधिक समावेशी और विश्वसनीय बनाने के लिए दोनों देशों के शीर्ष विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा.”

बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच यह समझौता दूरसंचार की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए दोनों देशों ने यह डील की है. दरअसल, हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत का दौरा किया था. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कई दौर की बैठके हुई थी, जिसमें टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेक्टर में चार प्रमुख समझौते हुए.

भारत-ब्रिटेन के बीच हुए ये समझौते

दोनों देशों के बीच हुए समझौते में भारत-यूके कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर की स्थापना, एआई के लिए भारत-यूके के ज्वाइंट सेंटर की स्थापना, यूके-भारत क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी के फेज-टू की शुरुआत और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में एक नया सैटेलाइट कैंपस स्थापित करना शामिल है.साथ ही, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन की मजबूती के लिए क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना के लिए भी समझौता हुआ है.

इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति हुई, जिनमें लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी का बेंगलुरु में कैंपस खोलने के लिए ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ का हस्तांतरण और ‘यूनिवर्सिटी ऑफ सरी’ का गुजरात की जीआईएफटी सिटी में कैंपस खोलने के लिए मंजूरी शामिल है.

वहीं, ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में तीन समझौते हुए, जिनमें पुनर्गठित भारत-यूके सीईओ फोरम की उद्घाटन बैठक, भारत-यूके संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति (जेईटीसीओ) का पुनर्गठन, जो सीईटीए के कार्यान्वयन में सहायता करेगा और दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा. इसके अलावा, भारत के आईसीएमआर और ब्रिटेन के एनआईएचआर के बीच हेल्थ रिसर्च पर ‘लेटर ऑफ इंटेंट’ पर हस्ताक्षर शामिल हैं.

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