NASA: आसमान में अब एक नहीं, दो चाँदों का वजूद है, जी हां. आपको सुनने में भले ही थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये बात खुद नासा के वैज्ञानिकों ने कही है. दरअसल, खगोल विज्ञान के क्षेत्र में हाल ही में एक नया एस्टेरॉयड खोजा गया है, जिसे ‘मिनी मून’ या अर्ध चंद्रमा कहा जा रहा है. यह वस्तु पृथ्वी के चारों ओर अगले करीब 50 वर्षों तक परिक्रमा करती रहेगी, जिससे हमारा ग्रह अस्थायी रूप से दो चाँदों वाला बन जाएगा.
2025 PN7: धरती का नया मेहमान
आसमान में मिले इस नए खगोलीय पिंड का नाम 2025 PN7 रखा गया है. यह एक क्षुद्रग्रह है, जिसकी खोज अगस्त 2025 में की गई थी, जो लगभग 19 मीटर व्यास के आकार का है. बताया जा रहा है कि यह पृथ्वी के नजदीक आकर हमारे साथ लगभग 2083 तक रहेगा. इसके बाद धीरे-धीरे पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल जाएगा. फिलहाल वैज्ञानिकों की नजर इसपर लगातार टिकी हुई है, जिससे की इसकी परिक्रमा के दौरान किसी संभावित खतरे से निपटा जा सके.
Quasi-Moon क्या होता है?
बता दें कि अर्ध चंद्रमा, जिसे क्वासी मून भी कहा जाता है, वह खगोलीय पिंड होते हैं जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के साथ लगभग समान गति और कक्षा में घूमते हैं. इससे ऐसा लगता है कि ये वस्तुएं पृथ्वी की परिक्रमा कर रही हैं, लेकिन असल में वे सूर्य की परिक्रमा कर रही होती हैं, इसके परिणामस्वरूप वे हमारे आस-पास रहते हुए एक खास 8 आकार के पैटर्न में आकाश में दिखाई देते हैं.
नया मिनी मून और वास्तविक चंद्रमा में फर्क क्या?
धरती का प्राकृतिक चंद्रमा पूरी तरह से हमारे ग्रह के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में रहता है और इसके चारों ओर लगातार परिक्रमा करता है. वहीं, 2025 PN7 जैसे अर्ध चंद्रमा पृथ्वी के साथ केवल आंशिक रूप से बंधे होते हैं. वे स्वतंत्र रूप से सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में होते हैं, और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से सिर्फ अप्रत्यक्ष प्रभाव लेते हैं और इसी वजह से इन्हें स्थायी चाँद नहीं माना जा सकता.
इस नए अर्ध चंद्रमा के साथ, आगामी करीब 50 वर्षों तक पृथ्वी के आसमान में एक अतिरिक्त ‘मिनी मून’ नजर आएगा. यह खगोल विज्ञान के लिए एक अनूठा अवसर होगा, जिससे हमें हमारे ग्रह के निकट आने वाले खगोलीय पिंडों के बारे में गहराई से समझने का मौका मिलेगा.
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