Donald Trump : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को एशिया के दौरे पर निकले हैं. ऐसे में उनकी इस यात्रा को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि यह अमेरिका और एशिया के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव को कम करने में मदद करेगी. इसके साथ ही चीन के साथ बिगड़े रिश्तों को सुधारने का रास्ता खोलेगी. प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रंप का यह दौरा मलेशिया, जापान और दक्षिण कोरिया तक फैला है. बता दें कि ट्रंप का यह दौरा उनके जनवरी में पद संभालने के बाद यह सबसे लंबी विदेश यात्रा है.
दोनों के बीच व्यापारिक तनाव पर होगी अहम चर्चा
जानकारी देते हुए बता दें कि ट्रंप का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव इस महीने के अंत में होगा, जब वे दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में होने वाले APEC शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे. ऐसे में इस मामले को लेकर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट का कहना है कि दोनों नेताओं की यह बैठक गुरुवार को हो सकती है. फिलहाल उन्होंने अभी तक चर्चा के मुद्दों पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी. उम्मीद है कि यह वार्ता अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापारिक तनाव को कम करने पर केंद्रित होगी.
ताइवान का मुद्दा भी शामिल होने की संभावना
बता दें कि दोनों की इस मुलाकात के दौरान ताइवान का मुद्दा भी शामिल होने की संभावना है. ऐसे में कहा जा रहा है कि ट्रंप, शी जिनपिंग के दबाव में आकर, अमेरिका के ताइवान समर्थन पर नरम रुख अपना सकते हैं. जानकारी देते हुए बता दें कि ट्रंप मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आसियान (ASEAN) सम्मेलन में भी शामिल होंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप 2017 के बाद पहली बार आसियान सम्मेलन में भाग लेंगे और इस बार चर्चाएं मुख्य रूप से वियतनाम और थाईलैंड पर केंद्रित होंगी, क्योंकि ये दोनों देश अमेरिका के व्यापार घाटे में सबसे बड़ा योगदान देते हैं.
दोनों देशों के बीच संघर्षविराम की प्रगति
दोनों की मुलाकात को लेकर व्यापार से इतर ट्रंप का मलेशिया दौरा कूटनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है. रिपोर्ट्स का कहना है कि ट्रंप थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हुए संघर्षविराम समझौते की प्रगति देखना चाहते हैं. माना जा रहा है कि अगर इस मोर्चे पर सकारात्मक परिणाम आते हैं, तो ट्रंप खुद को ‘विश्व शांति के दूत’ के रूप में पेश कर सकते हैं.
उत्तर कोरिया के नेता से मुलाकात की संभावना कम
इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान ट्रंप की उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात की संभावना बहुत कम है, लेकिन इस मामले को लेकर अमेरिकी अधिकारियों ने ऐसी बैठक की संभावना पर चर्चा की थी. इसके पहले भी ट्रंप 2018 और 2019 में किम से तीन बार मिल चुके हैं, लेकिन परमाणु कार्यक्रम पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.
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