PM Modi in Raipur: विकसित भारत की यात्रा में ‘ब्रह्माकुमारी’ की बड़ी भूमिका, रायपुर में बोले पीएम मोदी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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PM Modi in Raipur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दोनों उपमुख्यमंत्री ने उनका एयरपोर्ट पर ही गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद पीएम मोदी ने ‘दिल की बात’ कार्यक्रम के तहत नवा रायपुर अटल नगर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में ‘गिफ्ट ऑफ लाइफ’ समारोह में जन्मजात हृदय रोगों का सफलतापूर्वक इलाज करा चुके 2500 बच्चों से बातचीत की.

पीएम मोदी ने किया रोड शो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में रोड शो किया.

ब्रह्माकुमारी के ‘शांति शिखर’ का पीएम ने किया उद्घाटन

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रह्माकुमारी के ‘शांति शिखर’ का उद्घाटन किया, जो आध्यात्मिक शिक्षा, शांति और ध्यान का एक आधुनिक केंद्र है. इस दौरान उन्‍होंने कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है. आज हमारा छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 साल पूरे कर रहा है. छत्तीसगढ़ के साथ ही झारखंड और उत्तराखंड के भी 25 वर्ष पूरे हुए हैं. आज देश के और भी कई राज्य अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं. मैं इन सभी राज्यों के निवासियों को स्थापना दिवस को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

‘मैं यहां अतिथि नहीं हूं, मैं आपका ही हूं’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘राज्य के विकास से देश का विकास के मंत्र पर चलते हुए हम भारत को विकसित बनाने के अभियान में जुटे हैं. विकसित भारत की इस अहम यात्रा में ब्रह्माकुमारी जैसी संस्था की बहुत बड़ी भूमिका है. मैं बीते कई दशकों से आप सबके साथ जुड़ा हुआ हूं. मैं यहां अतिथि नहीं हूं, मैं आपका ही हूं. दिल्ली आने के बाद भी आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़ा अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान हो या फिर जल जन अभियान, इन सबसे जुड़ने का मौका हो.  मैं जब भी आपके बीच आया हूं, मैंने आपके प्रयासों को बहुत गंभीरता से देखा है. मैंने हमेशा देखा है, यहां शब्द कम सेवा ज्यादा है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमारे यहां कहा जाता है, ‘आचारः परमो धर्म आचारः परमं तपः. आचारः परमं ज्ञानम् आचरात् किं न साध्यते’ अत: आचारण ही सबसे बड़ा धर्म है, आचरण ही सबसे बड़ा तप है और आचरण ही सबसे बड़ा ज्ञान है.  आचरण से क्या कुछ सिद्ध नहीं हो सकता. यानी बदलाव तब होता है जब अपने कथन को आचरण में भी उतारा जाए और यही ब्रह्माकुमारी संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है.”

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