त्योहारों के बीच व्हाइट कॉलर हायरिंग में 3% की बढ़त, एजुकेशन सेक्टर ने दिखाई रफ्तार

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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दशहरा और दीपावली के त्योहारों के दौरान जहां एक ओर भर्ती की रफ्तार कुछ धीमी रही, वहीं भारत के व्हाइट कॉलर जॉब मार्केट में अक्टूबर महीने में शिक्षा, अकाउंटिंग, फाइनेंस, बीपीओ/आईटीईएस और स्पेशलाइज्ड टेक रोल्स के क्षेत्र में अच्छी गतिशीलता देखने को मिली. यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. रिक्रूटमेंट प्लेटफॉर्म नौकरी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में व्हाइट कॉलर हायरिंग में सालाना आधार पर 3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
अक्सर दीपावली-दशहरा फेस्टिव सीजन के दौरान रिक्रूटमेंट गतिविधी धीमी हो जाती है. इसी कड़ी में नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स ने अक्टूबर के दौरान 2,480 पॉइंट्स रिकॉर्ड किए, जो कि सालाना आधार पर 9 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है. जहां एक ओर फेस्टिव सीजन की वजह से अधिकतर सेक्टर में रिक्रूटमेंट को लेकर धीमी गति रही वहीं, अकाउंटिंग एंड फाइनेंस, एजुकेशन, बीपीओ/आईटीईस को लेकर सालाना आधार पर क्रमशः 15%, 13% और 6% की वृद्धि दर्ज की गई.
हायरिंग के मोर्चे पर हैदराबाद ने 47% वृद्धि के साथ सबसे मजबूत प्रदर्शन किया, जबकि इसके बाद चेन्नई और बेंगलुरु का स्थान रहा. रिपोर्ट के अनुसार, 3 वर्ष से कम अनुभव वाले फ्रेशर्स की भर्ती में एजुकेशन सेक्टर में 25% की तेज बढ़त दर्ज की गई है. इसके साथ ही, स्टार्टअप्स द्वारा एजुकेशन सेक्टर में हायरिंग सालाना आधार पर 77% तक बढ़ी है, जो इस क्षेत्र में बढ़ते निवेश और अवसरों को दर्शाती है.
प्लेटफॉर्म का डेटा बताता है उभरती टेक्नोलॉजी से जुड़े सेक्टर्स को लेकर सालाना आधार पर 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो दर्शाता है कि फ्यूचर-फॉर्वर्ड स्किल्स को लेकर निवेश निरंतर बना हुआ है. इन टेक्नोलॉजी से जुड़े सेक्टर्स में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी में काम रही कंपनियां शामिल हैं. बीते महीने आईटी यूनिकॉर्न में हायरिंग स्थिर रही. वहीं, बीपीओ/आईटीईएस को लेकर हायरिंग एक्टिविटी में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिसे एंट्री-लेवल हायरिंग की 20 प्रतिशत वृद्धि का समर्थन मिला। इसमें उभरते शहरों और मेट्रो सिटी का शानदार प्रदर्शन रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, हाई-स्किल टैलेंट की मांग लगातार बढ़ रही है. विशेष रूप से मशीन लर्निंग इंजीनियर्स की भर्ती में 139% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. इसके अलावा, सर्च इंजीनियर्स, मेडिकल बिलर्स/कोडर्स, ट्रांजिशन मैनेजर्स और मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर्स जैसी भूमिकाओं में भी 30% से 62% तक की वृद्धि देखी गई है. यह रुझान दर्शाता है कि हाई-स्किल प्रोफेशनल्स की मांग में निरंतर मजबूती बनी हुई है और यह हायरिंग सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है.
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