Mukesh Ambani Announces Nathdwara Project: देश के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी, शनिवार को राजस्थान के पावन धाम नाथद्वारा पहुंचे. वहां उन्होंने भगवान श्रीनाथजी की भोग आरती में भाग लिया और दर्शन के बाद गुरु श्री विशाल बावा साहेब से आशीर्वाद लिया. इसी दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान किया, जो सीधे तौर पर लाखों वैष्णव भक्तों की सुविधा और सेवा से जुड़ा है.
मुकेश अंबानी ने नाथद्वारा में एक अत्याधुनिक “यात्री एवं वरिष्ठ सेवा सदन” बनाने की घोषणा की. यह केंद्र खासतौर पर उन श्रद्धालुओं और बुजुर्ग वैष्णवों के लिए तैयार होगा जो नाथद्वारा दर्शन के लिए आते हैं. इसके साथ ही अंबानी ने श्रीनाथद्वारा मंदिर को 15 करोड़ रुपये का दान भी दिया.

सेवा सदन में 100 से ज्यादा होंगे कमरे
सेवा सदन में 100 से अधिक कमरे होंगे, जो बुजुर्ग वैष्णवों और आने वाले भक्तों के लिए सुरक्षित, आरामदायक और गरिमामय आवास प्रदान करेंगे. इसके साथ ही यहां 24 घंटे मेडिकल यूनिट, नर्सिंग और फिजियोथेरेपी सेवाएं, सत्संग एवं प्रवचन हॉल, और पुष्टिमार्ग परंपरा के अनुसार थाल प्रसाद व्यवस्था वाला भोजनालय भी उपलब्ध होगा.

यह पावन पहल पूज्य श्री विशाल बावा साहेब की दिव्य प्रेरणा और श्री अनंत अंबानी के समर्पित सहयोग से तेज़ी से आगे बढ़ रही है. इस परियोजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नाथद्वारा आने वाला हर भक्त सेवा और भक्ति के मूल्यों से सजे हुए, व्यवस्थित, सम्मानजनक और संवेदनशील वातावरण का अनुभव कर सके. करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली यह परियोजना अगले तीन वर्षों में पूरी होने की उम्मीद है.

श्री विशाल बावा साहेब से किया ये निवेदन
इस शुभ अवसर पर श्री मुकेश अंबानी ने चिरंजीवी श्री विशाल बावा साहेब से निवेदन किया कि परियोजना के निर्माण के दौरान पुष्टिमार्ग की पवित्रता और गरिमा सर्वोपरि बनी रहे. उन्होंने कहा, हमें गर्व होना चाहिए कि हम वैष्णव हैं, सनातन हिंदू धर्म और पूज्य आचार्य परंपरा के अनुयायी हैं. गुरु श्री विशाल बावा साहेब ने भी अनंत अंबानी की पहल ‘वनतार’ की भी सराहना की और इसे वैश्विक स्तर पर सराही जाने वाली अद्भुत रचना बताया.

नाथद्वारा में भक्त सेवा का नया अध्याय
भगवान श्रीनाथजी की कृपा और तिलकायत परिवार के मार्गदर्शन में बनने वाला “यात्री एवं वरिष्ठ सेवा सदन” आने वाले वर्षों में भक्त सेवा का नया प्रतीक बनेगा. नाथद्वारा की पहचान हमेशा से भक्ति, करुणा और सेवा रही है और यह परियोजना इन मूल्यों को और मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है.

