बांग्लादेश में फिर से हालात खराब, देशभर में हाई अलर्ट! लॉकडाउन की घोषणा, जानें क्या है मामला?

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Dhaka: बांग्लादेश में एक बार फिर से हालात खराब होने के संकेत मिल रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मानवता विरोधी अपराध मामले ने तूल पकडा है. देश में बेहद तनावपूर्ण स्थिति है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) गुरुवार, 13 नवंबर को इस बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाने की तारीख तय करेगा. बता दें कि इस अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण को हसीना ने खुद 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान युद्ध अपराधों की जांच के लिए स्थापित किया था. अब वही अदालत उन्हीं के खिलाफ सुनवाई कर रही है.

प्रमुख शहरों में पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सेना की तैनाती बढ़ाई

फिलहाल, ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में पुलिस, अर्धसैनिक बलों और सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने हवाई अड्डों, सरकारी दफ्तरों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर चौकसी बढ़ा दी है. राजधानी ढाका में कई जगहों पर चेकपोस्ट लगाई गई हैं. वाहनों की तलाशी ली जा रही है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. प्रतिबंधित अवामी लीग पार्टी ने गुरुवार को देशव्यापी सूर्योदय से सूर्यास्त तक लॉकडाउन का ऐलान किया है.

सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील

पार्टी के शीर्ष नेताओं ने सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है. अंतरिम सरकार द्वारा अवामी लीग और उससे जुड़े संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पार्टी नेता अब गुप्त स्थानों से ऑनलाइन गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं. पिछले दो दिनों में ढाका समेत कई शहरों में हिंसक घटनाएं सामने आई हैं. कई जगहों पर वाहनों में आग लगाने और कॉकटेल बम धमाकों की रिपोर्टें मिली हैं. पुलिस ने बड़ी संख्या में अवामी लीग समर्थकों को हिरासत में लिया है.

बांग्लादेश में हुई थी व्यापक हिंसा

यह मामला जुलाई 2024 के उस छात्र आंदोलन से जुड़ा है, जिसने शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया था. इस दौरान बांग्लादेश में व्यापक हिंसा हुई थी, जिसमें संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई थी. बाद में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना भारत भाग गईं और उनके पलायन के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ.

मामले की गवाही पूरी

हसीना पर हत्या, अवैध हिरासत और मानवता विरोधी अपराधों के आरोप लगाए गए हैं. मामले की गवाही पूरी हो चुकी है और न्यायाधिकरण अब गुरुवार को यह तय करेगा कि फैसले की घोषणा कब की जाएगी. बांग्लादेश सरकार का कहना है कि कानून के अनुसार प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जबकि अवामी लीग समर्थकों का आरोप है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है.

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