भारत में हायरिंग इंटेंट 2025 के 9.75% से बढ़कर 2026 में 11% तक पहुँच गया है, जो रोजगार के सकारात्मक संकेत को दर्शाता है. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई. हायरिंग में यह सुधार मुख्य रूप से बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस (BFSI) सेक्टर के नेतृत्व में देखा गया है. सीआईआई के सहयोग से टैग्ड द्वारा तैयार रिपोर्ट में बताया गया कि बीएफएसआई सेक्टर 20% हायरिंग इंटेंट के साथ सबसे आगे है. इसके बाद 12% हायरिंग सेंटीमेंट के साथ कोर इंडस्ट्रीज का स्थान है, जिसमें मेटल एंड माइनिंग, पावर, यूटिलिटीज, स्टील और सीमेंट शामिल हैं.
कंपनियां मिड और सीनियर लेवल टैलेंट को तेजी से दे रही प्राथमिकता
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियां मिड और सीनियर लेवल टैलेंट को तेजी से प्राथमिकता दे रही हैं, जिसके साथ यह वर्ष एक्सपीरियंस्ड प्रोफेशनल्स के वर्ष के रूप में उभर रहा है. 6 से 15 वर्ष के एक्सपीरियंस वाले कैंडीडेट की कुल हायरिंग में 55% हिस्सेदारी होने का अनुमान है, जो कि बीते वर्ष 39% दर्ज किया गया था. इसी तरह, 6 से 10 वर्ष के एक्सपीरियंस को लेकर हायरिंग इंटेंट 26% से 28% होने का अनुमान है. जबकि 11-15 वर्ष और 15 से अधिक वर्ष के कैंडीडेट के लिए हायरिंग इंटेंट क्रमशः 15% और 12% होने का अनुमान है, जो कि बीते वर्ष क्रमशः 9% और 4% दर्ज किया गया था.
15% बनी हुई है टियर-3 शहरों की भागीदारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि GCC कंपनियां उभरते स्किल सेट और लागत दक्षता के लिए नए रीजनल टैलेंट हब को प्राथमिकता दे रही हैं. इस दिशा में भारत के टियर-2 शहर अपने रोजगार परिदृश्य में अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं और 2026 में अनुमानित नौकरियों का 32% हिस्सा इन्हीं शहरों में सृजित होने की संभावना है. भारत के जॉब मार्केट में मुंबई, बेंगलुरू और दिल्ली से अलग टियर-1 शहर 53% नौकरियों में हिस्सेदारी बनाए हुए हैं, जबकि टियर-3 शहरों की भागीदारी 15% बनी हुई है. टैग्ड के को-फाउंडर और सीईओ, देवाशीष शर्मा ने कहा कि जैसे-जैसे भारत 2026 में प्रवेश कर रहा है, जॉब मार्केट में रिकवरी के संकेत स्पष्ट नजर आ रहे हैं. एक साल की सिंगल-डिजिट ग्रोथ के बाद हायरिंग इंटेंट दोहरे अंकों की 11% दर पर लौट आया है.

