वस्त्र मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, FY25-26 की पहली छमाही में भारत के वस्त्र, परिधान और हस्तशिल्प निर्यात ने मजबूत प्रदर्शन किया है. अप्रैल से सितंबर 2025 की अवधि में वस्त्र और परिधान के वैश्विक निर्यात में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 0.1% की मामूली लेकिन सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है. भारत के वस्त्र और परिधान के वैश्विक निर्यात को लेकर यह सकारात्मक प्रदर्शन वैश्विक प्रतिकूलताओं और टैरिफ से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद दर्ज किया गया है.
भारत के वस्त्र निर्यात में 10% की वृद्धि
मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस अवधि के दौरान अलग-अलग देशों को भारत से निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई. निर्यात वृद्धि को लेकर 14.5% के साथ संयुक्त अरब अमीरात, 1.5% के साथ ब्रिटेन, 2.9% के साथ जर्मनी और 9% के साथ स्पेन और 9.2% के साथ फ्रांस का नाम शामिल रहा. दूसरी ओर, उच्च वृद्धि दर दर्ज करने वाले दूसरे बाजारों में 27% के साथ मिश्र, 12.5% के साथ सऊदी अरब और 69% के साथ हांगकांग का नाम शामिल रहा. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 111 बाजारों ने अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान 8,489.08 मिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान दिया, जबकि पिछले वर्ष 7,718.55 मिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान दर्ज किया गया था, जो कि 770.3 मिलियन अमरीकी डॉलर और 10% की वृद्धि को दर्शाता है.
भारत के वस्त्र निर्यात में RMG और जूट बने वृद्धि के प्रमुख कारक
केंद्र सरकार द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, वस्त्र और परिधान निर्यात में दर्ज की गई इस वृद्धि में सिले-सिलाए वस्त्र (RMG) और जूट प्रमुख योगदानकर्ता रहे हैं. सिले-सिलाए वस्त्रों के निर्यात में 3.42% और जूट उत्पादों में 5.56% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह प्रदर्शन वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत के वस्त्र क्षेत्र की अनुकूलन क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है. सरकार के मुताबिक, गैर-पारंपरिक बाजारों में भारत का विस्तार “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहल को और सशक्त बनाता है, जो निर्यात विविधीकरण, मूल्य संवर्धन और वैश्विक बाजार एकीकरण पर केंद्रित है.
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