Anil Ambani ने ED के समन को फिर किया नजरअंदाज, दिल्ली मुख्यालय में नहीं हुए पेश

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Anil Ambani: रिलायंस एडीएजी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी जयपुर-रींगस हाइवे प्रोजेक्ट से जुड़ी फेमा जांच में सोमवार को दूसरे समन के बाद भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए. हालांकि, उन्होंने वर्चुअल पेशी का प्रस्ताव रखा है.

Anil Ambani को ED का दूसरा समन

इससे पहले शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से अनिल अंबानी को दिल्ली के ईडी मुख्यालय में पेश होना था, लेकिन वे पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे थे और वर्चुअल पेश की अनुमति मांग थी, जिस पर जांच एसेंजी ने इनकार करते हुए, सोमवार को पेशी के लिए दूसरा समन जारी किया था. ईडी सूत्रों के अनुसार, एजेंसी फेमा के तहत उनका बयान दर्ज करना चाहती है. यह जांच उन आरोपों के बाद शुरू हुई थी, जिसमें कहा गया था कि रिलायंस इंफ्रा ने 2010 में मिले हाइवे प्रोजेक्ट के लगभग 40 करोड़ रुपए को सूरत स्थित फर्जी कंपनियों के माध्यम से दुबई भेज दिया था.

क्या है मामला

जांचकर्ताओं का यह भी मानना ​​है कि पैसों का यह लेन-देन एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क से जुड़ा है, जिसका अनुमानित आकार 600 करोड़ रुपए से अधिक है. अनिल अंबानी ने पहले जारी समन के जवाब में शुक्रवार को ईडी के समक्ष वर्चुअल पेशी के लिए ईमेल के जरिए अनुरोध भेजा था. हालांकि, वित्तीय जांच एजेंसी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और उन्हें 17 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए एक और समन जारी करने का फैसला किया. रिलायंस समूह के एक प्रवक्ता ने एक ताजा बयान में कहा कि “अनिल अंबानी ने ईडी के लिए उपयुक्त किसी भी तारीख और समय पर वर्चुअल उपस्थिति/रिकॉर्डेड वीडियो के माध्यम से अपना बयान दर्ज कराने के लिए खुद को उपलब्ध कराने की पेशकश की है.”

कंपनी के दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं रहे

प्रवक्ता ने आगे कहा, “अनिल डी. अंबानी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के बोर्ड के सदस्य नहीं हैं. उन्होंने अप्रैल 2007 से मार्च 2022 तक लगभग पंद्रह वर्षों तक कंपनी में केवल एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया, और कंपनी के दैनिक प्रबंधन में कभी शामिल नहीं रहे.” भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) चार वर्षों से अधिक समय से इस सड़क का संचालन कर रहा है. प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह पूरी तरह से एक घरेलू अनुबंध था, जिसमें कोई विदेशी मुद्रा अनुबंध नहीं था. इससे पहले,अगस्त में ईडी मुख्यालय में कथित 17,000 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में उनसे लगभग नौ घंटे तक कड़ी पूछताछ हुई थी.

ईडी ने 42 संपत्तियां जब्त की थीं

यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब ईडी ने सोमवार को नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 4,462.81 करोड़ रुपए मूल्य की 132 एकड़ से अधिक जमीन को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अस्थायी रूप से कुर्क किया था. ईडी ने इससे पहले रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के बैंक धोखाधड़ी मामलों में 3,083 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की 42 संपत्तियां जब्त की थीं.

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