चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 7% की बढ़ोतरी

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह सात प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और यह 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के साइडलाइन में बातचीत करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक आयकर संग्रह सरकार की ओर से निर्धारित किए गए लक्ष्य 25.20 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के मुकाबले 6.99 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और यह काफी उत्साहजनक है.

कॉरपोरेट टैक्स में जबरदस्त बढ़ोतरी

देश का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह एक अप्रैल से लेकर 10 नवंबर की अवधि में पिछले साल के मुकाबले सालाना आधार पर 6.99% बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. इसकी वजह धीमा रिफंड और कॉरपोरेट टैक्स में जबरदस्त बढ़ोतरी है. 10 नवंबर तक रिफंड सालाना आधार पर 18कम होकर 2.42 लाख करोड़ रुपए हो गया है. अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए ऑडिट रिटर्न जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है और चालू वित्त वर्ष के लिए अभी भी दो अग्रिम कर किश्तें बकाया हैं.

रिफंड में 23.87% की गिरावट दर्ज

सीबीडीटी के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह इस FY17 सितंबर तक पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.18% बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया. इसी दौरान कर रिफंड में 23.87% की गिरावट दर्ज की गई. गैर-कॉर्पोरेट कर राजस्व 13.67% बढ़कर 5.83 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 4.93% बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपए पहुँच गया. प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में 0.57% की मामूली बढ़त के साथ 26,305.72 करोड़ रुपए का संग्रह हुआ. सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 3.39% बढ़कर 12.43 लाख करोड़ रुपए रहा, वहीं रिफंड घटकर 1.60 लाख करोड़ रुपए रह गया.

Latest News

सौभाग्य के प्रतीक हैं ये पौधे, धन को करते हैं आकर्षित और दूर करती हैं गरीबी

Vastu Plants for Home : आज के समय में घर में पौधे लगाना सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि जीवन के...

More Articles Like This