क्लाउड और डिजिटल तकनीकों के तेजी से बढ़ते उपयोग को देखते हुए, भारत का आईटी खर्च 2026 तक बढ़कर 176.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो सालाना आधार पर 10.6% की वृद्धि को दर्शाता है. मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई. गार्टनर की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा सेंटर सिस्टम्स सेगमेंट 2026 में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज कर सकता है और 20.5% की वार्षिक बढ़त के साथ इसका मूल्य 9,385 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. बढ़ती डेटा प्राइवेसी आवश्यकताओं और सॉवरेन क्लाउड की मांग 2026 में इस सेगमेंट के विस्तार में अहम भूमिका निभा सकती है.
एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग
गार्टनर के सीनियर डायरेक्टर एनालिस्ट नरेश सिंह ने कहा, लोकल एआई इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के उद्देश्य से मल्टीपल गवर्मेंट प्रोग्राम और तेजी से बढ़ते एआई इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट की वजह से डेटा सेंटर सिस्टम को लेकर खर्च बढ़ेगा. गार्टनर के वीपी एनालिस्ट डीडी मिश्रा ने कहा, एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग भारत में डेटा सेंटर में नए निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण होगी. उन्होंने आगे कहा कि मॉडर्नाइजिंग एप्लीकेशन, कनेक्टिविटी को मजबूत बनाना और हाइपर ऑटोमेशन को लागू करना, कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और ऑपरेशनल एफिशिएंसी जैसे कमिटमेंट आईटी खर्च को बढ़ावा देंगे.
सॉफ्टवेयर खर्च में 17.6% की तेज वृद्धि
एआई-सक्षम सॉफ्टवेयर समाधानों और आधुनिक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते उद्यम निवेश के चलते, सॉफ्टवेयर खर्च में 17.6% की तेज वृद्धि के साथ यह 24.7 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. इंफ्रास्ट्रक्चर-एज़-ए-सर्विस (IaaS), कंसल्टिंग और एप्लिकेशन मॉडर्नाइजेशन में मजबूत निवेश को देखते हुए, आईटी सेवाओं पर खर्च 2026 में 11.1% बढ़ने की उम्मीद है, और आने वाले वर्षों में इसके दो-अंकीय विकास दर बनाए रखने की संभावना है.
गार्टनर की रिपोर्ट यह भी संकेत देती है कि जीसीसी के तेजी से विस्तार और उच्च कौशल वाले, किफायती वर्कफोर्स की उपलब्धता सेक्टर की प्रगति में अहम भूमिका निभाएगी. वहीं, डिवाइसेस पर खर्च 9.9% बढ़कर 66,442 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि कम्युनिकेशन सर्विसेज पर खर्च 5.4% की वृद्धि के साथ 40,414 मिलियन डॉलर होने की संभावना है.

