इस वर्ष अक्टूबर में भारत का सेवा निर्यात, वस्तुओं के निर्यात से अधिक बढ़कर 38.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया, जो पिछले साल की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. वहीं, इसी अवधि में वस्तुओं का निर्यात 34.4 अरब डॉलर रहा. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई. एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, सेवा क्षेत्र का निर्यात सितंबर-अक्टूबर की अवधि में औसतन 37.5 अरब डॉलर तक बढ़ गया, जबकि साल के पहले आठ महीनों में यह 33 अरब डॉलर था. इसी दौरान सेवा व्यापार अधिशेष 20 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया.
जैसा कि अनुमान लगया जा रहा था इस वर्ष अक्टूबर में सोने के आयात में सालाना आधार पर 58 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई. दीपावली के महीने में सोने का आयात बिल पिछले महीने की तुलना 5 अरब डॉलर से अधिक उछलकर 14.7 अरब डॉलर हो गया. इस बीच, मुख्य आयात जिसमें नॉन-ऑयल और नॉन-गोल्ड शामिल था, को लेकर गिरावट दर्ज की गई. जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, मशीन टूल्स जैसी कैटेगरी में तेज वृद्धि दर्ज की गई. रिपोर्ट में कहा गया कि जीएसटी रेट में कटौती की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में वृद्धि दर्ज की गई.
रिपोर्ट के अनुसार, इस अक्टूबर में भारत का वस्तु व्यापार घाटा बढ़कर 41.7 अरब डॉलर हो गया, जबकि सितंबर में यह 32.2 अरब डॉलर था. यह अब तक का उच्चतम स्तर है. सीजनली एडजस्टेड आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में व्यापार घाटा 33.4 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर के 31.1 अरब डॉलर से अधिक है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि अमेरिका को निर्यात लगातार दूसरे महीने गिरा, जहां सितंबर में यह -12 प्रतिशत था और अक्टूबर में -8.6 प्रतिशत पर आ गया. वहीं, गैर-अमेरिकी गंतव्यों को निर्यात में वृद्धि की गति धीमी पड़ गई, जबकि सितंबर में यह सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की दर से बढ़ा था.