‘जी20 ने दी ग्लोबल फाइनेंस और इकोनॉमिक ग्रोथ को दिशा’, जोहान्सबर्ग में बोले पीएम मोदी

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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G-20 summit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जोहान्सबर्ग में जी20 लीडर्स समिट को संबोधित किया. इस दौरान उन्‍होंने सबसे पहले राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को जी20 समिट के शानदार आयोजन और सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी. इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि साउथ अफ्रीका की अध्यक्षता में स्किल्ड माइग्रेशन, टूरिज्म, फूड सिक्योरिटी, एआई, डिजिटल इकोनॉमी, इनोवेशन और वूमन एम्पॉवरमेंट जैसे विषयों पर प्रशंसनीय काम हुआ है. नई दिल्ली जी20 समिट में जो ऐतिहासिक पहल की गई थी, उनको यहां आगे बढ़ाया गया है.

उन्‍होंने कहा कि पिछले कई दशकों में जी20 ने ग्लोबल फाइनेंस और ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ को दिशा दी है. लेकिन ग्रोथ के जिन पैरामीटर्स पर अब तक काम हुआ है, उनके कारण बहुत बड़ी आबादी संसाधन से वंचित रह गई है. अफ्रीका इसका बहुत बड़ा भुक्तभोगी है.

विकास के पैरामीटर्स पर करना चाहिए विचार: पीएम मोदी

भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब अफ्रीका पहली बार जी20 समिट की मेजबानी कर रहा है, तो यहां हमें विकास के पैरामीटर्स पर फिर से विचार करना चाहिए. इसका एक रास्ता भारत की सभ्यतागत मूल्यों में है, और वो रास्ता एकात्म मानववाद का है. यानी हमें मानव, समाज और प्रकृति को एक साथ मिलाकर आगे बढ़ाना होगा, तभी प्रगति और प्रकृति के बीच हार्मनी संभव हो पाएगी.

उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसी कई कम्युनिटी हैं, जिन्होंने अपनी पारंपरिक और पर्यावरण-संतुलित जीवन शैली को संभाल कर रखा है. इन परंपराओं में स्थिरता तो दिखती ही है, साथ ही इनमें सांस्कृतिक ज्ञान, सामाजिक एकता, और प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान के भी दर्शन होते हैं.

पूरी दुनिया के हित में अफ्रीका के यंग टैलेंट को सक्षम बनाना

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत का प्रस्ताव है कि जी20 के तहत एक वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार बनाया जाए. भारत का जो, भारतीय ज्ञान प्रणाली पहल है, वो इसका आधार बन सकता है. यह ग्लोबल प्लेटफॉर्म मानवता के सामूहिक ज्ञान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद करेगा.  साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि अफ्रीका के विकास और अफ्रीका के यंग टैलेंट को सक्षम बनाना पूरी दुनिया के हित में है, इसलिए भारत जी20-अफ्रीका कौशल गुणक पहल का प्रस्ताव रखता है. ये अलग-अलग सेक्टर्स के लिए ‘ट्रेन-द-ट्रेनर्स’ मॉडल के तहत चल सकता है, और जी20 के सभी पार्टनर इसको फाइनेंस कर सकते हैं और सपोर्ट कर सकते हैं.

अफ्रीका में वन मिलियन सर्टिफाइड ट्रेनर तैयार करना है लक्ष्‍य

उन्होंने कहा कि हमारा सामूहिक लक्ष्य है कि अगले एक दशक में, अफ्रीका में वन मिलियन सर्टिफाइड ट्रेनर तैयार हों. ये ट्रेनर, आगे चलकर करोड़ों स्किल्ड युवा तैयार करेंगे. यह एक ऐसी पहल होगी जिसका मल्टीप्लायर इफेक्ट होगा. इससे लोकल कैपेसिटी का निर्माण होगा, और अफ्रीका की दीर्घकालिक विकास को बल मिलेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य आपात स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं के संकट से निपटना भी हमारा सामूहिक दायित्व है. इसलिए, भारत का प्रस्ताव है कि जी20 वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया टीम का गठन हो. इसमें G20 देशों के प्रशिक्षित मेडिकल विशेषज्ञ हों. ये टीम, किसी भी वैश्विक स्वास्थ्य संकट या प्राकृतिक आपदा के समय तेजी से तैनाती के लिए तैयार रहे.

नशीले पदार्थों की तस्करी सबसे बड़ा विषय

उन्होंने कहा कि एक और बड़ा विषय नशीले पदार्थों की तस्करी का है. विशेषकर फेंटेनिल जैसे अत्यंत घातक ड्रग्स तेजी से फैल रहे हैं. ये पब्लिक हेल्थ, सोशल स्टेबिलिटी और ग्लोबल सिक्योरिटी के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं. ये टेररिज्म को फाइनेंस करने का भी एक बड़ा माध्यम है.  इस वैश्विक खतरे का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए भारत ड्रग-टेरर गठजोड़ का मुकाबला करने पर जी20 पहल का प्रस्ताव रखता है. इसके तहत हम फाइनेंस, गवर्नेंस और सिक्योरिटी से जुड़े अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स को एक साथ ला सकते हैं.  तभी ड्रग-टेरर इकोनॉमी को कमजोर किया जा सकता है.

हमेशा से मजबूत रही है भारत-अफ्रीका एकजुटता

उन्होंने कहा कि भारत-अफ्रीका एकजुटता हमेशा से मजबूत रही है. नई दिल्ली समिट के दौरान अफ्रीकन यूनियन का इस ग्रुप का स्थाई सदस्य बनना एक बहुत बड़ा पहल था. अब ये आवश्यक है कि इस स्पिरिट का विस्तार जी20 से भी आगे हो. सभी वैश्विक संस्थाओं में ग्लोबल साउथ की आवाज और बुलंद हो, इसके लिए हमें मिलकर प्रयास करना चाहिए.

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