हर 10 में से आठ भारतीय व्यवसाय, हाल में लागू हुई ट्रेड पॉलिसी को सकारात्मक बदलाव के रूप में देखते हैं और उनका मानना है कि इसके प्रभाव अगले दो वर्षों में दिखाई देंगे. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण में सामने आई. एचएसबीसी इंडिया के सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय व्यवसायों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है और वे वैश्विक व्यापार की चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हैं. साथ ही, 77 प्रतिशत व्यवसाय छह महीने पहले की तुलना में अपने संचालन पर व्यापार नीति के प्रभाव को लेकर अधिक आश्वस्त हैं.
सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 49 प्रतिशत भारतीय व्यवसाय बदलते व्यापारिक माहौल में खुद को अधिक सूचित और तैयार महसूस कर रहे हैं, जबकि एक महीने पहले यह आंकड़ा 44 प्रतिशत था. वहीं, केवल 23 प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि व्यापारिक अनिश्चितता अगले दो वर्षों में उनके संचालन को प्रभावित कर सकती है, जो कि वैश्विक औसत 32 प्रतिशत से काफी कम है. एचएसबीसी इंडिया के ग्लोबल ट्रेड सॉल्यूशंस के हेड मोहित अग्रवाल ने कहा, भारतीय व्यवसाय अपनी मजबूत और आशावाद के कारण निरंतर आगे बढ़ रहे हैं.
सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत के बिजनेस लीडर्स अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में अधिक आश्वस्त हैं और कई लोगों को उम्मीद है कि व्यापार नीति में बदलाव उनके विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे. यह आत्मविश्वास उभरते वैश्विक व्यापार परिदृश्य में भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है. फंडिंग की कमी को दूर करने के लिए 82 प्रतिशत भारतीय व्यवसाय सक्रिय रूप से वैकल्पिक फाइनेंसिंग सोर्स की तलाश कर रहे हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार, 78 प्रतिशत भारतीय व्यवसाय मानते हैं कि उनकी आय अगले दो वर्षों में बढ़ेगी, जो वैश्विक औसत 57 प्रतिशत से काफी अधिक है. रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय कंपनियां पड़ोसी बाजारों के साथ व्यापार को प्राथमिकता दे रही हैं और दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप, दक्षिण एशिया, पूर्व/उत्तर एशिया और ओशिनिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही हैं.
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