बच्चों की शिक्षा, जीवन-यापन और पुनर्वास की व्यापक जिम्मेदारी उठाते हुए अभिभावक बनकर खड़ी है योगी सरकार

Shivam
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Varanasi: योगी आदित्यनाथ सरकार विकास और कानून-व्यवस्था के साथ-साथ निराश्रित बच्चों और किशोरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में संवेदनशीलता दिखाते हुए शिक्षित और स्वावलंबी बनाने की दिशा में लिए गए संकल्प को तेजी से साध रही है. सरकार मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य एवं कोविड) के माध्यम से बेसहारा बच्चों की शिक्षा,जीवन-यापन और पुनर्वास की व्यापक जिम्मेदारी उठाते हुए उनके लिए अभिभावक बनकर खड़ी है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य और कोविड के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2025 -26 में 2616 पात्र लाभार्थियों को आर्थिक सहायता दे चुकी है.

योगी आदित्यनाथ सरकार इनको 215.38 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर चुकी है. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत लाभार्थी को 2500 रुपये प्रतिमाह और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड में 4000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से आर्थिक मदद प्रदान की जाती है. योजना केअनुसार पात्र बालक /बालिकाओं को चिन्हित करने और फालोअप का काम निरंतर चलता रहता है.

वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी प्रखर कुमार सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक दोनों योजनाओं के तहत कुल 2616 बच्चों एवं किशोरों को 215.38 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है. बाल सेवा योजना कोविड के 357 लाभार्थियों को 59.68 लाख रुपये और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के 2259 लाभार्थियों को 155.70 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं. बाल सेवा योजना कोविड पात्र लाभार्थियों को नियमानुसार 160 लैपटॉप भी दिया जा चुका है.

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) में लाभार्थी बच्चों की श्रेणीवार संख्या

अनाथ –41

एकल अभिभावक -2176

संस्था से पुर्नवासित –17

बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराये गए बच्चे -11

कुटुंब द्वारा परित्यक्ता माता के बच्चे -5

तलाकशुदा स्त्री के बच्चे -9

उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड) में लाभार्थी बच्चों की श्रेणी वार संख्या

अनाथ -10

एकल अभिभावक -347

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड, कोविड-19 में जिन बच्चों के सर से माता -पिता का या किसी एक का साया उठ गया हो तो योगी सरकार ऐसे बेसहारा बच्चो को लगातार आर्थिक मदद पंहुचा रही है. जिससे ये बच्चे मूलभूत जरूरतों को पूरा कर पाए. इसके अलावा कक्षा 12 तक निशुल्क शिक्षा, लैपटॉप और बालिकाओं के शादी योग्य होने पर एक लाख रूपये भी प्रदान करती है. चयनित बच्चों को 23 साल तक पैसे मिलते रहेंगे.

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य

बल सेवा योजना में 0 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर आते है, जिन्होने कोविड से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है. कक्षा-12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त बच्चे विश्वविद्यालय और प्रतियोगिता परीक्षाएं दे रहे हो ऐसे सभी बच्चे को इस योजना में मदद दी जाती है.

लाभार्थी की माँ शिप्रा सिन्हा ने बताया कि इस योजना से बेटी की पढाई में सबसे ज्यादा मदद मिली है. अभिभावक की तरह साथ खड़े सरकार के इस आर्थिक सहायता के लिए मैं निशब्द हूँ.

मां -बाप दोनों खो चुकी एक लाभार्थी की बहन ने योगी सरकार का धन्यवाद देते हुए बताया कि योजना की आर्थिक मदद से मेरी बहन की पढ़ाई हुई है साथ ही अन्य जरूरतों में भी सरकार.

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