‘जंग रुकवाने के लिए नहीं, भारत-रूस को करीब…’, अपने ही देश में घिरे डोनाल्ड ट्रंप

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Donald Trump : अमेरिका के पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तंज कसने वाला बयान दिया और कहा कि रूसी राष्ट्रपति को भारत में गर्मजोशी से स्वागत मिला, इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि नोबेल पुरस्कार के हकदार पुतिन नहीं, बल्कि डोनाल्ड ट्रंप हैं. ट्रंप की वजह से ही भारत और रूस इतने करीब आए हैं. मतलब अब अमेरिका के बड़े लोग भी ट्रंप पर तंज कस रहे हैं.

मीडिया से बातचीत के दौरान रुबिन ने इंटरव्यू में कहा कि पुतिन का भारत दौरा मॉस्को के नजरिए से बहुत सकारात्मक रहा. उनका कहना है कि भारत ने पुतिन को ऐसा सम्मान दिया, जो उन्‍हें कहीं और नहीं मिला. ‘मैं तो कहता हूं कि डोनाल्ड ट्रंप को नोबले पुरस्कार मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत और रूस को इस तरह जोड़ा है.’

इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच हुए समझौते को लेकर उन्‍होंने सवाल भी उठाया कि जितने समझौते हुए, वह असल में कितने कामयाब होंगे? ऐसे में उनका कहना है कि कई समझौते भारत की ट्रंप से नाराजगी की वजह से ही हुए. डोनाल्‍ड ट्रंप ने पीएम मोदी और भारत के साथ जो व्यवहार किया, उससे भारत नाराज था.

रुबिन ने ट्रंप पर लगाया आरोप

ऐसे में रुबिन का कहना है कि अगर आप ट्रंप समर्थक हैं, तो यह दौरा ‘मैंने तो कहा था’ जैसा लगेगा. इस दौरान ट्रंप को लगेगा कि भारत का रूस से करीब आना उनकी बात को साबित करता है. इसके साथ ही रुबिन ने ट्रंप पर आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने अमेरिका-भारत के रिश्तों को उलट दिया. क्‍योंकि ट्रंप के फैसले चापलूसी या पाकिस्तानी, तुर्किये और कतर की तरफ से रिश्वत के प्रयासों से प्रभावित थे.

रुबिन ने ट्रंप के भारत नीति पर की कड़ी आलोचना

इतना ही नही बल्कि रुबिन ने ट्रंप के भारत नीति पर कड़ी आलोचना की और कहा कि वॉशिंगटन में कई लोग हैरान हैं कि ट्रंप ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को कैसे कमजोर किया. यह एक बड़ी भूल थी, जो कि अमेरिका को काफी हद तक नुकसान पहुंचाएगी. ऐसे में रुबिन का मानना है कि ट्रंप कभी अपनी गलती नहीं मानेंगे. वह इसे अपनी विदेश नीति की सफलता बताएंगे.

भारत को रूसी तेल खरीदने पर उपदेश न दें

इस दौरान उन्होंने अमेरिका को सलाह दी कि वह भारत को रूसी तेल खरीदने पर उपदेश न दें. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार पुतिन ने भारत को बिना रुके तेल सप्लाई देने का वादा किया था. ऐसे में रुबिन ने कहा कि ‘अमेरिकियों को समझ नहीं आता कि भारत को ऊर्जा कि कितनी जरूरत है. उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनेगा. भारतीयों ने मोदी को अपने हितों की रक्षा के लिए चुना है.’

भारत अपनी सुरक्षा पर ध्यान दें- रूबिन

क्‍योंकि उसका मानना है कि जब विकल्‍प कम होता है तो अमेरिका खुद रूस से तेल खरीदता है. ऐसे में अगर अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रूसी तेल खरीदे, तो वो सस्ता और जरूरी मात्रा में तेल कैसे देगा? अगर जवाब नहीं है, तो चुप रहना बेहतर है. उन्‍होंने ये भी कहा कि भारत को सबसे पहले अपनी सुरक्षा पर ध्यान रखना है.

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