UPI digital payments India: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को लेनदेन की मात्रा के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम करार दिया है. यह जानकारी सरकार ने सोमवार को साझा की. लोकसभा में एक लिखित उत्तर देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि आईएमएफ की जून 2025 की रिपोर्ट ‘बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान (इंटरऑपरेबिलिटी का महत्व)’ में इस तथ्य का उल्लेख किया गया है.
भुगतान प्रणालियों में पहले स्थान पर यूपीआई
एसीआई वर्ल्डवाइड की ‘प्राइम टाइम फॉर रियल-टाइम 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई 49% वैश्विक हिस्सेदारी और 129.3 अरब लेनदेन के साथ दुनिया की रियल-टाइम भुगतान प्रणालियों में पहले स्थान पर है. ब्राजील 14% बाजार हिस्सेदारी और 37.4 अरब लेनदेन के साथ दूसरे नंबर पर आता है. थाईलैंड 8% हिस्सेदारी और 20.4 अरब लेनदेन के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि चीन 6% हिस्सेदारी और 17.2 अरब लेनदेन के साथ चौथे स्थान पर है.
पीआईडीएफ से छोटे व्यापारियों को मदद
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि छोटे व्यापारियों को यूपीआई सहित डिजिटल भुगतान प्रणालियों को अपनाने में सहायता प्रदान करने के लिए, सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा समय-समय पर विभिन्न पहल की गई हैं. इनमें कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन योजना और भुगतान अवसंरचना विकास कोष (पीआईडीएफ) शामिल है, जो टियर-3 से टियर-6 केंद्रों में डिजिटल भुगतान अवसंरचना (जैसे पीओएस टर्मिनल और क्यूआर कोड) की स्थापना के लिए बैंकों और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को अनुदान सहायता प्रदान करता है.
भारत में डिजिटल भुगतान का विस्तार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 31 अक्टूबर, 2025 तक, टियर-3 से टियर-6 केंद्रों में पीआईडीएफ के माध्यम से लगभग 5.45 करोड़ डिजिटल टचपॉइंट स्थापित किए जा चुके हैं. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024-25 तक, लगभग 6.5 करोड़ व्यापारियों के लिए कुल 56.86 करोड़ क्यूआर स्थापित किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार, आरबीआई और एनपीसीआई ने देश भर में सार्वजनिक सेवाओं, परिवहन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म सहित सभी व्यवसायों में रुपे और यूपीआई के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की पहल की है.
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