Denmark: डेनमार्क की प्रमुख जासूसी एजेंसी ने अमेरिका को पहली बार संभावित सुरक्षा जोखिम के रूप में शामिल किया है. यह कदम ग्रीनलैंड को लेकर जियो-पॉलिटिकल तनावों के बीच नॉर्डिक देश के अपने करीबी सहयोगी के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत देता है. डेनमार्क की खुफिया एजेंसी ने अमेरिका को रूस और चीन के साथ उन देशों की सूची में रखा है जो संभावित सुरक्षा खतरा पैदा कर सकते हैं. खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार डेनमार्क को रूस और चीन दोनों से बहुआयामी, निरंतर दबाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
ट्रंप की सख्त पॉलिसी दुनिया भर में संकट
ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका की नीतियां अब उसके साझेदार देशों में भी शंका पैदा कर रही है. ट्रेड, टैरिफ और इमिग्रेशन को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त पॉलिसी दुनिया भर में संकट पैदा कर रही है. खुफिया एजेंसी डैनिश डिफेंस इंटेलिजेंस सर्विस (DDIS) ने कहा है कि अमेरिका अपने हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है. अमेरिका अब अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत का इस्तेमाल शक्ति के उपकरण के रूप में कर रहा है. वह भी अपने सहयोगियों और साझेदारों के खिलाफ.
अमेरिका की ग्रीनलैंड में लगातार बढ़ रही दिलचस्पी
यह पहली बार है जब नॉर्डिक देश ने अपने सबसे करीबी सहयोगियों में से एक के खिलाफ ऐसी चेतावनी दी है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आर्कटिक क्षेत्र में बढ़ती बड़ी शक्तियों की प्रतिद्वंद्विता के बीच अमेरिका की ग्रीनलैंड में दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है. DDIS का यह वार्षिक खतरा मूल्यांकन ऐसे समय में आया है जब डोनाल्ड ट्रंप बार-बार संकेत दे चुके हैं कि वह ग्रीनलैंड पर नियंत्रण चाहते हैं, जिससे कोपेनहेगन और वॉशिंगटन के बीच कूटनीतिक तनाव पैदा हुआ.
ग्रीनलैंड डेनिश साम्राज्य का हिस्सा
बुधवार को जारी 2025 इंटेलिजेंस आउटलुक रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका की ग्रीनलैंड में बढ़ती रुचि चिंता का कारण बन रही है. ग्रीनलैंड डेनिश साम्राज्य का हिस्सा है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे खरीदने की इच्छा जता चुके हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका आर्थिक शक्ति का उपयोग अपनी इच्छा थोपने के लिए करता है. इसमें उच्च टैरिफ की धमकियां भी शामिल हैं. अब वह सैन्य बल के उपयोग को भी नकारता नहीं है, यहां तक कि सहयोगियों के खिलाफ भी.
इसे भी पढ़ें. Pakistan: पूर्व ISI चीफ फैज हमीद को 14 साल की सजा, जाने क्या था मामला

