भारत अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे मजबूत रियल एस्टेट बाजारों में शुमार है. जबकि कई देशों में आर्थिक अनिश्चितता और विकास की गति धीमी दिखाई दे रही है, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर स्थिर बना हुआ है और यहां वृद्धि के अच्छे अवसर मौजूद हैं. नाइट फ्रैंक की एशिया-पैसिफिक आउटलुक 2026 रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था की नींव मज़बूत है. देश में कुशल मानव संसाधन की भरपूर संख्या है और रियल एस्टेट मार्केट लगातार बेहतर और अधिक व्यवस्थित हो रहा है. यही कारण है कि भारत अन्य देशों की तुलना में निवेश के लिहाज से अधिक भरोसेमंद और स्थिर नजर आता है.
साल 2026 में धीमी हो सकती है एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2026 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन भारत का रियल एस्टेट मार्केट इससे ज्यादा प्रभावित नहीं होगा. देश में ऑफिस और दूसरी प्रॉपर्टी की मांग बनी रहेगी और बाजार में स्थिरता देखने को मिलेगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत का ऑफिस मार्केट एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे मजबूत रहने वाला है. बड़ी विदेशी कंपनियां यहां अपने ऑफिस बढ़ा रही हैं, टेक्नोलॉजी सेक्टर में नौकरियां बढ़ रही हैं और कंपनियों का भरोसा भी मजबूत है, जिसके चलते 2025 के दौरान भारत में ऑफिस स्पेस की लीज सबसे ज्यादा रही.
साल 2025 में भारत ने हासिल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि
बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहर भारत के ऑफिस मार्केट में सबसे आगे बने हुए हैं. इन शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बढ़ रही है, जिसके चलते साल 2026 में किराया लगभग 7.5% से 9% तक बढ़ने की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 में भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब देश के शीर्ष 8 शहरों में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस का कुल क्षेत्रफल एक अरब वर्ग फुट से अधिक हो गया. यह संकेत है कि भारत में आधुनिक और उच्च गुणवत्ता वाली ऑफिस इमारतों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है.
भारत विदेशी कंपनियों के लिए एक अहम देश
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, भारत विदेशी कंपनियों के लिए एक अहम देश बना हुआ है. उन्होंने कहा कि भारत में काम करना सस्ता है, यहां योग्य कर्मचारी आसानी से मिल जाते हैं और नियम-कानून भी स्थिर हैं. इसके साथ ही, भारत का ऑफिस सिस्टम अब पहले से कहीं अधिक आधुनिक और विकसित हो चुका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में ऑफिस की गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण कारक होगी.
2000 के दशक की शुरुआत में बनी कई कार्यालय इमारतें अब पुरानी और कम उपयोगी हो गई हैं. इसलिए कंपनियां अब ऐसे ऑफिस में निवेश करना पसंद कर रही हैं जो बेहतर एयर कंडीशनिंग, पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी, नवीनतम तकनीक और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से लैस हों. रिपोर्ट के अनुसार, अब कंपनियों की प्राथमिकता सिर्फ बड़े ऑफिस नहीं बल्कि आरामदायक, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाले ऑफिस की है, और इसके लिए वे अधिक भुगतान करने को भी तैयार हैं.
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