Beijing: अमेरिका ने विदेशी ड्रोनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं चीन ने अमेरिका के इस निर्णय की कड़ी निंदा की है. अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर सभी विदेशी निर्मित ड्रोन प्रणालियों और उनके प्रमुख घटकों को प्रतिबंधित आपूर्तिकर्ताओं की सूची में शामिल किया है. बता दें कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच तकनीकी और व्यापारिक प्रतिस्पर्धा को और गहरा कर सकता है. ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चीन अग्रणी वैश्विक शक्ति है और अमेरिकी बाजार उसके लिए एक प्रमुख उपभोक्ता केंद्र माना जाता है.
आवश्यक और प्रभावी कदम उठाएगा चीन
चीन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने अपना रवैया नहीं बदला तो वह अपने उद्यमों के वैध हितों की रक्षा के लिए आवश्यक और प्रभावी कदम उठाएगा. चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह प्रतिक्रिया अमेरिकी संघीय संचार आयोग (FCC) द्वारा हाल ही में जारी नोटिस के बाद दी. इस नोटिस के अनुसार सभी विदेशी ड्रोन कंपनियों को अविश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं की सूची में डाल दिया गया है, जिससे उनका अमेरिकी बाजार में संचालन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है.
वास्तविक आवश्यकताओं की बार-बार अनदेखी
प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका ने चीनी और अमेरिकी कंपनियों के बीच सामान्य व्यापारिक लेनदेन तथा दोनों देशों के उद्योग जगत की वास्तविक आवश्यकताओं की बार-बार अनदेखी की है. उसने राष्ट्रीय सुरक्षा की अवधारणा का दुरुपयोग कर चीनी उद्यमों को दबाने और प्रतिस्पर्धा को अनुचित तरीके से सीमित करने का प्रयास किया है. यह बाजार व्यवस्था को बाधित करने और एकतरफा दबाव की नीति का उदाहरण है.
अमेरिका से इन गलत प्रथाओं को तुरंत समाप्त करने का आग्रह
उन्होंने आगे कहा कि चीन अमेरिका से इन गलत प्रथाओं को तुरंत समाप्त करने और संबंधित प्रतिबंधात्मक उपायों को वापस लेने का आग्रह करता है. यदि अमेरिका अपनी मनमानी जारी रखता है तो चीन न केवल अपने उद्यमों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करेगा बल्कि आवश्यक होने पर जवाबी कार्रवाई भी करेगा. विश्लेषकों का कहना है कि इस पृष्ठभूमि में चीन की तीखी प्रतिक्रिया यह संकेत देती है कि वाशिंगटन और पेइचिंग के बीच तकनीकी वर्चस्व की प्रतिस्पर्धा अब एक नए चरण में प्रवेश कर रही है.
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