हूती-विरोधी गठबंधन में बढ़ा तनाव, सऊदी अरब ने यमन के अलगाववादियों को दिया ये आदेश

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UAE : सऊदी अरब ने गुरुवार को यमन के अलगाववादी समूहों से उन दो प्रांतों से अपनी सेनाओं को वापस बुलाने को कहा है, विशेष रूप से जिन पर अब उनका नियंत्रण है. प्राप्‍त जानकारी के अनुसार सऊदी के इस फैसले से उस नाजुक गठबंधन के भीतर टकराव भड़का सकता है जो यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है.

इसके साथ ही सऊदी अरब ने क्रिसमस की सुबह यह बयान जारी करते हुए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा लंबे समय से समर्थित दक्षिणी ट्रांजिशनल काउंसिल (एसटीसी) पर सार्वजनिक दबाव बनाने का प्रयास लगता है. सऊदी अरब ने 2015 में हूथियों के खिलाफ शुरू किए गए युद्ध में यमन के अन्य लड़ाकू समूहों का समर्थन किया है, बता दें कि इनमें नेशनल शील्ड फोर्सेस नामक बल भी शामिल है.

महरा प्रांतों में बढ़ाई अपनी सेनाएं

इसे लेकर काउंसिल का कहना है कि यमन के हदरमौत और महरा प्रांतों में अपनी सेनाएं आगे बढ़ाई हैं. इसके साथ ही सऊदी के बयान में कहा गया कि मध्यस्थता के प्रयास इस दिशा में किए जा रहे हैं कि काउंसिल की सेनाएं “दोनों प्रांतों के बाहर अपनी स्थितियों में वापस लौटें और साथ ही उन क्षेत्रों में स्थित शिविरों को” नेशनल शील्ड फोर्सेस के हवाले कर दें.

पूर्ववत हालात में बहाल करने का प्रयास

इसके साथ ही मंत्रालय ने ये भी कहा कि “स्थिति को उसके पूर्ववत हालात में बहाल करने के लिए ये प्रयास जारी हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ ही समय पहले काउंसिल ने दक्षिण यमन का झंडा तेजी से फहराना शुरू कर दिया है, इसकी वजह से पड़ोसी सऊदी अरब और यूएई के बीच संबंधों पर भी दबाव बढ़ा है, जो निकट संबंध बनाए रखते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में प्रभाव और कारोबार के लिए अधिक तीव्रता से प्रतिस्पर्धा भी कर रहे हैं.

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