Somaliland: इजरायल ने हॉर्न ऑफ अफ्रीका में मौजूद स्वयं-घोषित (Self-Declared) राज्य सोमालिलैंड को मान्यता दे दी है, जिसके बाद इजरायल ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. बता दें कि सोमालिलैंड तीन दशकों से ज्यादा समय से स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है, लेकिन अब तक इसको किसी भी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश से औपचारिक मान्यता हासिल नहीं थी.
फिलहाल, शुक्रवार को इजरायल ने सोमालीलैंड एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में औपचारिक मान्यता दे दी है. इजरायल का कहना हे कि वो ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है. इजरायल का यह कदम हॉर्न ऑफ अफ्रीका में कूटनीतिक समीकरणों को नया रूप दे सकता है. दरअसल, इजरायल ने सोमालिलैंड को मान्यता दे दी है. वहीं, सोमालिया इसके अलग होने का विरोध करता है.
नेतन्याहू ने दी मान्यता
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि यह मान्यता अब्राहम समझौतों की भावना के तहत और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर दी गई है. दरअसल, साल 2020 के अब्राहम समझौते ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिकी प्रशासन की मध्यस्थता से हुए थे. जिसके तहत इजरायल ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए थे और बाद में अन्य देश भी इसमें शामिल हुए.
इस बीच, नेतन्याहू ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज मैंने रिपब्लिक ऑफ सोमालिलैंड को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में आधिकारिक मान्यता देने की घोषणा की. विदेश मंत्री साआर और रिपब्लिक ऑफ सोमालिलैंड के राष्ट्रपति के साथ मिलकर हमने एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किए.
राष्ट्रपति को यात्रा के लिए किया आमंत्रित
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने सोमालिलैंड के राष्ट्रपति डॉ. अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाह को बधाई दी और स्थिरता और शांति को बढ़ावा देने के प्रति उनके नेतृत्व की सराहना की. इजरायली प्रधानमंत्री ने एक ओर जहां सोमालिलैंड को मान्यता दी है. वहीं, दूसरी ओर अब्दुल्लाह को इजरायल की आधिकारिक यात्रा के लिए भी आमंत्रित किया.
सोमालिलैंड के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करेगा इजरायल
इस दौरान पीएम नेतन्याहू ने संकेत दिया कि मान्यता देने के साथ ही इजरायल सोमालिलैंड के साथ अपने संबंधों को मजबूत करेगा. सोमालिलैंड के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने के लिए इजराइल योजना बना रहा है, कृषि, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में वो व्यापक सहयोग के जरिए रिश्तों को मजबूत करेगा.
क्या है सोमालिलैंड?
बता दें कि 1991 में सोमालिलैंड ने केंद्र सरकार के पतन और वर्षो तक चले गृहयुद्ध के बाद, सोमालिया से अलग होने का ऐलान किया था. तब से यह एक de facto (वास्तविक रूप से कार्यरत) राज्य के रूप में काम करता रहा है, जिसकी अपनी निर्वाचित सरकार, मुद्रा, सुरक्षा बल और सीमाएं हैं. लेकिन, इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश मान्यता नहीं देते थे.
कई देश कर रहे निंदा
फिलहाल, इजरायल सोमालिलैंड को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है, लेकिन इजरायल के इस घोषणा के बाद क्षेत्र में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. मिस्र ने कहा कि उसके विदेश मंत्री बद्र अब्देलअत्ती ने हॉर्न ऑफ अफ्रीका में हुए, उनके अनुसार, खतरनाक घटनाक्रमों पर चर्चा के लिए सोमालिया, तुर्की और जिबूती के अपने समकक्षों से फोन पर बातचीत की.
मिस्र के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन मंत्रियों ने सोमालिलैंड को मान्यता देने के इजराइल के फैसले की निंदा की और सोमालिया की एकता और उसकी क्षेत्रीय अखंडता के प्रति समर्थन दोहराया. साथ ही चेतावनी दी कि अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देना अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
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