संसार में करुणावश होता है भगवान का अवतरण: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, संसार में कर्मवश जीव को आना पड़ता है और संसार में करुणावश भगवान का अवतरण होता है। “विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार। निज इच्छा निर्मित तनु माया गुन गो पार।। भगवान मानव बनकर आये हैं कि हम भी मानव बनना सीखें, हम सच्चे इंसान बनें।
क्योंकि मोह रूपी दशानन को मारना है तो वह सच्ची मानवता से ही मरेगा। हम सच्चे और अच्छे इंसान बनेंगे और इंसान बनने का मतलब ही है- किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं, पराया दर्द अपनाये उसे इंसान कहते हैं। श्री रामचरितमानस में भी आया है-
 परहित सरिस धर्म नहीं भाई।
 पर पीड़ा सम नहिं अधमाई।।
दूसरों के लिए जीना सीखें, समाज के लिए जीना सीखें, राष्ट्र के लिए जीना सीखें, धर्म के लिए जीना सीखें, वह जीवन ही जीवन है। स्वार्थमय जीवन में तो संघर्ष ही शेष रहता है और जहां संघर्ष है वहां शांति कैसे हो सकती है।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).
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