Hartalika Teej 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपक्ष की शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन हरतालिका तीज का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं. इस बार हरतालिका तीज का व्रत आज यानी 26 अगस्त, मंगलवार को है. ऐसे में आइए जानते हैं हरतालिका तीज व्रत का शुभ मुहूर्त…
कब है Hartalika Teej 2025?
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 25 अगस्त को सुबह 11 बजकर 39 मिनट पर हो रही है, इस तिथि का समापन अगले दिन 26 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है. हिंदू धर्म में उदयातिथि सर्वमान्य होती है, इसलिए हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को ही रखा जाएगा.
हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त
आज हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में होगी. आज सूर्यास्त का समय 06:49 पी एम है. सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल लगेगा. उस समय से हरतालिका तीज की पूजा की जाएगी. वहीं, दिन में हरतालिका तीज की पूजा का मुहूर्त सुबह 5:56 बजे से लेकर सुबह 8:31 बजे तक है.
बन रहे ये शुभ योग
- साध्य योग: प्रात:काल से लेकर दोपहर 12:09 पी एम तक
- शुभ योग: दोपहर 12:09 पी एम से 27 अगस्त को दोपहर तक
- रवि योग: पूरे दिन
हरतालिका तीज व्रत के नियम
- हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रत की श्रेणी में आता है. यह व्रत निराहार और निर्जला रखें. व्रत वाले दिन अन्न और जल ग्रहण ना करें, इस व्रत में फल खाने की भी मनाही होती है.
- हरतालिका तीज व्रत रखने वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक क्रिया से मुक्त होकर सरगी में मिठाई, फल, सूखे मेवे आदि का सेवन करें. इसके साथ ही चाय और पानी भी ग्रहण करें, तत्पश्चात व्रत का संकल्प लेकर व्रत शुरू करें, ध्यान रहे हरतालिका तीज व्रत में सरगी सूर्योदय से पहले ही कर लें.
- हरतालिका तीज व्रत वाले दिन दुल्हन की तरह तैयार हों और सोलह श्रृंगार और नए वस्त्र पहनें.
- इसके बाद मिट्टी से बनी माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्तियों की पूजा करें. यह व्रत अखंड सौभाग्य का है, इसलिए पूजा में माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें. इसके साथ ही पीला सिंदूर चढ़ाएं. तत्पश्चात विधि विधान से भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा करें. ऐसी मान्यता है कि जो महिलाएं इस व्रत का नियम से पालन करती हैं, उन्हें मां पार्वती और भगवान शंकर की कृपा से अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है.
- हरतालिका तीज व्रत के अगले दिन यानि 27 अगस्त को सूर्योदय के समय स्नान और पूजा पाठ के साथ दान करें. इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें. फिर खुद पारण करें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)