Nag Panchami 2025: सावन माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि यानी नागपंचमी के दिन झूला झूलने का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन झूला झूलने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ऐसे में आज हम आपको भारत के एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सावन माह की नागपंचमी पर झूला-झूलने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. यहां प्राचीन पेड़ पर लगे झूले की मान्यता है कि जो भक्त यहां झूला झूलकर भगवान शिव से जो कुछ मांगता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थित गढ़ कैलाश मंदिर की, इस मंदिर में सैकड़ों साल पुराना पेड़ हैं. इस पेड़ में झूले लगे हुए हैं. इस पेड़ के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां सावन महीने की नागपंचमी पर झूला-झूलने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है.
जानिए क्या है मान्यता
इस मंदिर में पेड़ में बंधे झूले की ऐसी मान्यता है कि जो लोग यहां भगवान शिव के दर्शन के बाद इस झूले में झुलते हैं. उनके परिवार में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है. वहीं इस मंदिर में यह भी मान्यता है कि जो पति-पत्नी इस मंदिर में एक साथ भगवान शिव का दर्शन पूजन कर झूला झूलते हैं, उनके वैवाहिक जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती है.
Nagpanchami 2025 पर लगती है भारी भीड़
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में भक्तों की और ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है. यहां लोग महादेव की पूजा करने के बाद झूला झूलते हैं और परिवार की सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
मंदिर की खासियत
रतलाम शहर में स्थित प्राचीन गढ़ कैलाश महादेव मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां पर 1 ही पत्थर पर शिव परिवार की प्रतिमा बहुत ही अलौकिक तरीके से तराशी गई है. इस प्रतिमा पर शिव पार्वती नंदी पर विराजमान हैं और साथ में गणेश भगवान और कार्तिकेय भी विराजित हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)