प्रत्येक में प्रभु को देखने वाला हमेशा उनके सानिध्य का करता है अनुभव: दिव्य मोरारी बापू 

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सबको प्रभु का रूप मानकर उनके साथ विवेक एवं सद्भाव से व्यवहार करो। प्रत्येक में प्रभु को देखने वाला हमेशा उनके सानिध्य का अनुभव करता है। प्रभु का वियोग ही सबसे बड़ा कष्ट है। प्रत्येक में प्रभु का दर्शन करना ही उसकी दवा है।
प्रभु एवं परोपकार के लिए जो पीड़ा सहता है, उसे रोना नहीं पड़ता। जो दूसरे की भूख मिटाता है, भोजन देता है, ईश्वर उस पर कृपा-दृष्टि करता है। जो प्रभु एवं परोपकार के लिए करता है, उसे कभी रोना नहीं पड़ता। निराधार के सहारे बनो, सदाचार के प्यारे बानो।
दूसरे के सुख में सुखी बनो। आपके आंगन में आने वाला भिखारी भी प्रभु का स्वरूप है, उसे जूँठा अन्न नहीं देना चाहिए। ग्राहक में प्रभु बैठे हैं, यह समझकर व्यापार करो। इंद्रियों को प्रेम से समझाकर प्रभु के मार्ग पर ले जाओ।
सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

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