Sawan 2025: मध्य प्रदेश की पवित्र नगरी उज्जैन में 14 जुलाई को श्रावण मास का पहला सोमवार धूमधाम से मनाया जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. अवंतिका नगरी “जय श्री महाकाल” के जयकारों से गूंज उठी. भक्तों में भस्मारती और सामान्य दर्शन को लेकर भारी उत्साह दिखा.
6 बार भ्रमण के लिए निकलेगी महाकाल की सवारी
नियमानुसार (Sawan 2025) श्रावण-भादो में बाबा महाकाल की सवारी प्रत्येक सोमवार को कुल छह बार नगर भ्रमण के लिए निकलेगी. ये भक्तों के लिए हमेशा से ही विशेष आकर्षण का केंद्र रही है. मंदिर का पट रात 2:30 बजे खोला गया. अमूमन श्रावण माह में सुबह 3 बजे और सामान्य दिनों में सुबह 4 बजे खोला जाता है. भस्मारती के दौरान कार्तिकेय मंडपम की अंतिम 3 पंक्तियों से भक्तों के लिए चलित भस्मारती दर्शन की व्यवस्था की गई थी. भस्मारती के बाद सुबह 5 बजे से सामान्य दर्शन शुरू हुए, जो देर रात शयन आरती तक जारी रहेंगे.
प्रशासन ने किए हैं पुख्ता इंतजाम
भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं, ताकि सभी को बाबा महाकाल के दर्शन आसानी से हो सकें. श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी दोपहर 4 बजे नगर भ्रमण के लिए निकलेगी. यह सवारी उज्जैन की सड़कों से गुजरते हुए भक्तों को दर्शन देगी. हर साल की तरह इस बार भी सवारी में शामिल होने के लिए हजारों भक्त सड़कों पर उमड़ पड़ेंगे. सवारी के दौरान बाबा महाकाल की पालकी को भव्य रूप से सजाया जाएगा, और भक्त “हर हर महादेव” के उद्घोष के साथ उनका स्वागत करेंगे.
मंदिर परिसर में की गई है खास व्यवस्था
महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया कि श्रावण मास में बाबा महाकाल की पूजा का विशेष महत्व है. इस माह में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त दूर-दूर से उज्जैन पहुंचते हैं. मंदिर प्रशासन ने भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं. मंदिर परिसर में जगह-जगह पानी, छांव और बैठने की व्यवस्था की गई है. उज्जैन के स्थानीय निवासी ने कहा, “श्रावण का पहला सोमवार हमारे लिए बहुत खास है. बाबा महाकाल के दर्शन और उनकी सवारी में शामिल होना सौभाग्य की बात है.”