Tricolour Astrology: केसरिया-सफेद-हरा तिरंगे के तीन रंगों का क्या है अर्थ? जानिए ज्योतिष कनेक्शन

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Tricolour Astrology, Independence Day 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में हर रंग का अपना महत्व है. सभी रंगों का संबंध अलग-अलग ग्रहों से होता है. रंगों का सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है. इसी वजह से कई लोग रंगों के हिसाब से कपड़े पहनते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे देश की शान तिरंगा में पाए जाने वाले केसरिया, सफेद और हरे रंग का क्या महत्व है. आइए ज्योतिष के हिसाब से जानते हैं तिरंगे पर पाए जाने वाले तीनों रंगों का अलग-अलग महत्व…

केसरिया रंग

हमें बचपन में तिरंगे में मौजूद हर रंग का प्रतीक बताया गया है. सबसे ऊपर दिखने वाला केसरिया रंग, देश की वीरता और गौरव का प्रतीक है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस रंग का संबंध ग्रहों के राजा सूर्य से है. सूर्य हमें शक्ति, स्पष्टता, ऊर्जा और सकारात्मकता देता है. सूर्य जैसे हमें आत्मनिर्भर बनाता है, ठीक उसी प्रकार केसरिया रंग देश के आत्मनिर्भर होने का चिन्ह है. ज्योतिष के मुताबिक, केसरिया रंग सरकार के काम का भी नेतृत्व करता है. धर्म और त्याग को दर्शाने वाले गुरु का संबंध इस रंग से किया जाता है.

सफेद रंग

सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. जैसे सूर्य केसरिया रंग के प्रतीक है, वैसे ही चंद्रमा सफेद रंग का प्रतीक है. इस ग्रह को प्रेम, शांति और ममता का कारक माना जाता है. तिरंगे का सफेद रंग बौद्धिक, मानसिक और स्वेच्छा को दर्शाता है. ज्योतिष के अनुसार सफेद रंग हमें प्रेम से रहने का संदेश देता है.

हरा रंग

तिरंगे में सबसे नीचे हरा रंग खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस रंग का संबंध बुध ग्रह से है, जीवन में प्रगति और विवेक बुद्धि को दर्शाता है. हरा रंग बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है. बुध को व्यवसाय, तकनीक, क्षमता का भी कारक माना जाता है. यह एक संपूर्ण देश की वासना को भी दर्शाता है.

नीला रंग

हमारे तिरंगे में नीला रंग का चक्र मौजूद है, जो मनुष्य के गुणों को प्रदर्शित करता है. ज्योतिष के मुताबिक यह रंग शनिदेव से संबंधित है, जो देश गतिशील रहने की अवस्था को दर्शाता है. यह देश के विकास और कर्तव्य का प्रतिक है. चक्र का नीला रंग देशवासियों को निरंतर आगे बढ़ने का संदेश भी देता है. शास्त्र के अनुसार इस रंग का संबंध शनिदेव से है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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