Sawan 2025: भगवान भोलेनाथ को समर्पित सावन का महीना चल रहा है. इस समय महादेव के भक्त उनकी पूजा करते हैं. इस माह के दौरान वह कई प्रमुख तिथियों पर व्रत करते हैं, ताकि महादेव उनके सभी कष्टों को दूर करें और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो. दरअसल, इस माह में खान पान का भी खास ध्यान रखना चाहिए. इसको लेकर धर्म-शास्त्रों में कई नियम भी बताए गए हैं.
आपको बता दें कि ये नियम आपके भोजन, रहन-सहन और पूजा-पाठ से जुड़े हैं. आइए जानते हैं उन खास नियमों के बारे में, जिसे जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. आइए बताते हैं सावन में खान-पान से जुड़े क्या हैं ये नियम.
सावन में न खाएं ये चीजें
सावन के महीने में शिव भक्त अपने आराध्य भगवान शिव को कच्चा दूध और दही अर्पित करते हैं. इसका बड़ा महत्व है. कहा जाता है कि सावन में कच्चा दूध, दही और शहद का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा सावन में दही से बनी चीजें जैसे कढ़ी खाने की भी मनाही है. आपको ये जानकर बड़ा अजीब लग सकता है कि सावन में सब्जियों में बैंगन, मूली, गोभी आदि खाने की भी मनाही है.
सावन में इन सब्जियों को न खाने का कारण
आपको बता दें कि भगवान शिव को प्रकृति से बहुत प्रेम है. इसलिए सावन में सब्जियां नहीं तोड़ना चाहिए. वहीं, अगर हम वैज्ञानिक कारण की बात करें, तो बरसात में हमारा पाचन तंत्र बहुत संवेदनशील हो जाता है. सब्जियों में कीड़े भी जल्द लगने लगते हैं. इसलिए ऐसी दूषित सब्जियां कई बीमारियों को न्योता दे सकती हैं. इसलिए बरसात में छोले, राजमा या दालें खाएं. सावन में केवल सात्विक भोजन ही करें.
क्यों नहीं करना चाहिए दही-दूध का सेवन
आपको बता दें कि सावन में कच्चा दूध और दही खाने की मनाही होती है. माना जाता है कि गाय-भैंस घास खाते समय कीड़े वाले पत्ते या घास भी खा लेती हैं. इसलिए उनसे मिलने वाला दूध भी दूषित हो सकता है. ऐसे में सावन में कच्चा दूध पीने से बीमारियां हो सकती हैं. इसी तरह दही भी बारिश के मौसम में जल्दी खराब हो जाती है और नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए सावन में दूध-दही के सेवन से बचे या परहेज करें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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