महंगे बाजार के बावजूद 2026 में सक्रिय निवेशक कमा सकते हैं 22% तक मुनाफा: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय शेयर बाजार का करीब 63% हिस्सा फिलहाल महंगा दिखाई देता है. हालांकि इसके बावजूद वर्ष 2026 में सक्रिय निवेशकों के लिए बेहतर रिटर्न कमाने के कई अवसर मौजूद हैं. निवेशकों के पास ऐसे स्टॉक्स चुनने का मौका होगा, जहां से अच्छी कमाई संभव है. ओमनीसाइंस कैपिटल की रिपोर्ट में बताया गया है कि निफ्टी 500 का प्राइस-टू-अर्निंग्स (PE) रेशियो 24 गुना से अधिक है, जो ऊंचा माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद 36 बड़ी कंपनियों और 46 मिड-कैप कंपनियों का मूल्यांकन आकर्षक स्तर पर है. ऐसे में इन शेयरों में निवेश लाभदायक साबित हो सकता है.

निफ्टी 500 में 66% स्टॉक्स महंगे

रिपोर्ट में कहा गया है कि 66% निफ्टी 500 के स्टॉक्स महंगे हैं, लेकिन वैल्यूएशन का दबाव स्मॉल कैप शेयरों पर ज्यादा दिखता है. रिपोर्ट के अनुसार, 150 स्मॉल कैप कंपनियों में से 89 कंपनियों के शेयर के भाव कम हैं. वहीं, 100 बड़ी कंपनियों में से 63 प्रतिशत कंपनियों के शेयर भी सही कीमत पर या सस्ते हैं. इससे साफ है कि सक्रिय निवेशक इन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं. सेक्टरवार विश्लेषण से पता चला कि फाइनेंशियल्स, यूटिलिटीज और इंडस्ट्रियल्स जैसे सेक्टरों में कंपनियों के शेयर का मूल्य सही है या कम कीमत पर है, जिनमें क्रमशः लगभग 70, 18 और 83 कंपनियां शामिल हैं.

सक्रिय निवेशकों के लिए अवसर मौजूद

रिपोर्ट में कहा गया, भारतीय बाजार में सक्रिय निवेशकों के लिए अच्छा मुनाफा बनाने के कई मौके हैं, चाहे वह सेक्टर आधारित हो या फिर बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) के हिसाब से. रिपोर्ट में कंज्यूमर स्टेपल्स, हेल्थकेयर और आईटी जैसे सेक्टरों में निवेश करते समय सतर्क रहने की सलाह दी गई है. इन सेक्टरों में फिलहाल ऊंचा मूल्यांकन और सीमित ग्रोथ की संभावना नजर आ रही है, जिससे संकेत मिलता है कि यहां निवेश से अपेक्षाकृत कम फायदा हो सकता है. हालांकि, इन तीनों ही सेक्टरों में 60 से अधिक ऐसी कंपनियां मौजूद हैं, जिनका वैल्यूएशन अभी भी उचित या आकर्षक स्तर पर है.

सक्रिय निवेशकों को 18–22% तक रिटर्न का मौका

रिपोर्ट के मुताबिक, यदि कंपनियों की कमाई में 15% से अधिक की वृद्धि होती है, तो पैसिव निवेशकों को सिंगल डिजिट या मिड-टीन्स रिटर्न मिलने की संभावना है. वहीं, जो सक्रिय निवेशक गलत कीमत पर ट्रेड हो रहे शेयरों की पहचान कर निवेश करेंगे, वे 18 से 22% तक का रिटर्न हासिल कर सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आर्थिक मोर्चे पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थिति मजबूत बनी हुई है. देश में कुल परिसंपत्तियों के मुकाबले जीडीपी का अनुपात संतुलित है, जिससे केंद्रीय बैंक के पास नीतिगत फैसले लेने और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने की पर्याप्त गुंजाइश रहती है. यह स्थिति कई पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर मानी जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक सार्वजनिक कर्ज भले ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया हो, लेकिन मौजूदा परिस्थितियां किसी बड़े या तात्कालिक संकट के संकेत नहीं देतीं.

Latest News

रूस में 25 दिसंबर को नही इस दिन मनाते हैं क्रिसमस, जानें क्या है वहां की परंपरा

Christmas in Russia : दुनिया के ज़्यादातर हिस्सों में क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया जाता है लेकिन यह त्‍योहार...

More Articles Like This

Exit mobile version