तकनीकी कंपनियों के कानूनी विवादों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े नियामक उल्लंघनों के चलते वर्ष 2028 तक 30% तक की वृद्धि हो सकती है. यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 70% से अधिक IT लीडर्स का मानना है कि नियामकीय अनुपालन उनके संगठनों में जेनरेटिव AI प्रोडक्टिविटी असिस्टेंट को लागू करने में शीर्ष तीन चुनौतियों में से एक है.
बिजनेस और टेक्नोलॉजी इनसाइट्स प्रदान करने वाली एक कंपनी की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वर्तमान में केवल 23% लीडर्स ही इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि उनके संगठन एंटरप्राइज एप्लिकेशन में GenAI टूल्स को लागू करते समय सिक्योरिटी और गवर्नेंस जैसे पहलुओं का प्रभावी रूप से प्रबंधन कर सकते है. गार्टनर की वरिष्ठ निदेशक विश्लेषक लिडिया क्लॉघर्टी जोन्स ने कहा, ग्लोबल एआई नियम व्यापक रूप से भिन्न हैं, जो प्रत्येक देश के एआई लीडरशिप और इनोवेशन के रिस्क मिटिगेशन प्राथमिकताओं के साथ उचित संरेखण के आकलन को दर्शाते हैं.
भू-राजनीतिक माहौल का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, लेकिन प्रतिक्रिया देने की क्षमता धीमी बनी हुई है. लगभग 57% गैर-अमेरिकी आईटी लीडर्स ने इस बात को रेखांकित किया कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति ने उनकी जेनरेटिव एआई रणनीति और कार्यान्वयन को हल्के स्तर पर प्रभावित किया है, जबकि 19% रेस्पोंडेंट्स ने बताया कि इसका असर कहीं अधिक व्यापक रहा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लगभग 60% प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि वे गैर-अमेरिकी जेनएआई टूल विकल्पों को अपनाने में या तो असमर्थ हैं या फिर इसके प्रति अनिच्छुक हैं.
यह रिपोर्ट जेनरेटिव एआई टूल्स के रोलआउट में शामिल 360 आईटी लीडर्स के इनपुट के आधार पर तैयार की गई थी. एक अलग पोल में गार्टनर ने पाया कि 489 रेस्पोंडेंट्स में से 40% ने संकेत दिया कि उनके संगठन की एआई संप्रभुता के प्रति भावना सकारात्मक है और 36% ने संकेत दिया कि उनके संगठन की भावना तटस्थ है. एआई संप्रभुता को राष्ट्र-राज्यों की अपने अधिकार क्षेत्र में एआई तकनीकों के विकास, परिनियोजन और प्रशासन को नियंत्रित करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है. 66% प्रतिभागियों ने कहा कि संप्रभु एआई रणनीति के प्रति सक्रिय थे, जबकि 52% प्रतिभागियों ने कहा कि उनके संगठन संप्रभु एआई के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में रणनीतिक या ऑपरेटिंग मॉडल में बदलाव कर रहे थे.