आईपीओ (IPO) से पहले अनलिस्टेड मार्केट में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) के शेयरों की जबरदस्त मांग देखने को मिल रही है, जिससे कंपनी में रिटेल निवेशकों की संख्या बढ़कर 1.46 लाख हो गई है, जो कि किसी अन्य अनलिस्टेड कंपनी की अपेक्षा काफी अधिक है. एनएसई के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) को लेकर चर्चाएं लंबे समय से चल रही हैं और जल्द ही इसका पब्लिक इश्यू आने की संभावना है.
एक्सचेंज के शेयरों की कीमतों में बड़ी वृद्धि
बड़ी बात यह है कि एक्सचेंज के शेयरों की कीमतों में बड़ी वृद्धि के बावजूद खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है. इन 1.46 लाख निवेशकों के पास मौजूद एनएसई के शेयरों का मूल्य 2 लाख रुपए से कम है. पिछली तिमाही यह आंकड़ा 33,896 रिटेल निवेशकों का था, जो कि चार गुना की वृद्धि को दर्शाता है. NSE की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में 343 निवेशकों के पास ही 2 लाख रुपए से अधिक मूल्य के शेयर है. पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 354 था.
NSE के 2 लाख रुपए से ज्यादा शेयर रखने वाले निवेशकों के पास अब कुल शेयर आपूर्ति का 11.81% हिस्सा है. यह प्रतिशत पिछली तिमाही के 9.89% से अधिक है. वहीं, जिन निवेशकों के पास 2 लाख रुपए से कम मूल्य के शेयर थे, उनकी कुल हिस्सेदारी में मामूली गिरावट देखी गई और यह 9.84% (23.86 करोड़ शेयर) से घटकर 9.52% (23.56 करोड़ शेयर) हो गई. रिटेल निवेशकों की अधिक भागीदारी में इस उछाल ने NSE के समग्र निवेशक आधार का तेजी से विस्तार किया है.
रिटेल निवेशकों की अधिक मांग के कारण, एनएसई के गैर-सूचीबद्ध शेयर की कीमत 36% से अधिक बढ़कर 2,225 रुपए प्रति शेयर हो गई, जो कि अप्रैल 2025 में 1,650 रुपए थी. अनलिस्टेड मार्केट में वर्तमान शेयर मूल्य पर एनएसई का पूंजीकरण 5.7 लाख करोड़ है. अगर कंपनी सूचीबद्ध होती, तो इसका बाजार मूल्यांकन निफ्टी 50 में 8वें या 9वें स्थान पर होता.