भारत का सेलुलर IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) मार्केट जुलाई से सितंबर 2025 के बीच 40% की बढ़त दर्ज कर चुका है. इस दौरान भारत कई अन्य देशों की तुलना में आगे रहा. यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है. रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, भारत में इस तेजी के पीछे स्मार्ट मीटर, पॉइंट ऑफ सेल मशीनें और वाहनों से जुड़ी टेलीमैटिक्स तकनीक मुख्य कारण रहे. कंपनी की सीनियर एनालिस्ट टीना लू ने बताया कि वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) में सबसे ज्यादा ग्रोथ उन देशों में हुई, जहां बाजार नए हैं और कीमतें कम रखना जरूरी होता है.
भारत में सेलुलर IoT मार्केट में 40% की हुई बढ़त
रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई से सितंबर 2025 में भारत में सेलुलर IoT मार्केट में 40 प्रतिशत की बढ़त हुई, जबकि पूरे विश्व में इस दौरान IoT मॉड्यूल की शिपमेंट में केवल 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. रिपोर्ट में बताया गया है कि स्मार्ट मीटरिंग, सामान ट्रैकिंग, राउटर और वाहनों से जुड़ी तकनीक की वजह से IoT मार्केट लगातार तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही, पुराने सिस्टम की जगह अब सेलुलर तकनीक अपनाई जा रही है, जिससे भविष्य में और भी बेहतर आईओटी सेवाएं विकसित होंगी. काउंटरपॉइंट के रिसर्च डायरेक्टर मोहित अग्रवाल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस आईओटी डिवाइस की मांग गाड़ियों, फैक्ट्रियों और रिटेल जैसे क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है.
आईओटी की अहमियत सिर्फ कनेक्टिविटी तक नहीं रही सीमित
उन्होंने बताया कि अब आईओटी की अहमियत सिर्फ कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब इसमें स्मार्ट तकनीक और लंबे समय तक चलने वाली सेवाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में आईओटी मार्केट 7 प्रतिशत, यूरोप में 11 प्रतिशत और उत्तरी अमेरिका में सिर्फ 4 प्रतिशत बढ़ा, क्योंकि वहां कंपनियां खर्च करने में सावधानी बरत रही हैं. साथ ही अब उद्योग का फोकस ज्यादा मूल्य वाले और एआई से जुड़े आईओटी पर है. वहीं नई 5जी तकनीक और सेक्योर सॉफ्टवेयर पर भी काम किया जा रहा है. कैट-1 बिस तकनीक दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली आईओटी तकनीक बनी हुई है, जबकि रेडकैप तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और इस पर रिसर्च कार्य चल रहा है.
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