CGSE को कैबिनेट ने दी मंजूरी, MSME और गैर-एमएसएमई निर्यातकों को मिलेगा लाभ

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यातकों के लिए नई ऋण गारंटी योजना (CGSE) शुरू करने की मंजूरी दी. इस योजना के तहत राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज प्रदान करेगी.

इसका उद्देश्य पात्र निर्यातकों, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहित करना है, ताकि उन्हें 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें. इस योजना का कार्यान्वयन वित्तीय सेवा विभाग (DFS) राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के माध्यम से करेगा, ताकि MSMEसहित पात्र निर्यातकों को एमएलआई अतिरिक्त ऋण सहायता प्रदान कर सके.

भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में होगी वृद्धि

डीएफएस सचिव की अध्यक्षता में गठित एक प्रबंधन समिति इस योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की देखरेख करेगी. इस योजना से भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी और उन्हें नए एवं उभरते बाजारों में विविधीकरण करने में सहायता मिलेगी.

सीजीएसई के तहत संपार्श्विक-मुक्त ऋण को सुलभ बनाकर यह योजना व्यापारिक प्रक्रियाओं को सरल करेगी, सुचारू व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित करेगी और 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य की दिशा में भारत की प्रगति को गति देगी. इससे आत्मनिर्भर भारत की ओर देश की यात्रा को और मजबूती मिलेगी.

निर्यात भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ

निर्यात भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 21% रहा. विदेशी मुद्रा भंडार में निर्यात का महत्वपूर्ण योगदान होता है. निर्यातोन्मुखी उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं और एमएसएमई कुल निर्यात में लगभग 45% का योगदान करते हैं. निरंतर निर्यात वृद्धि भारत के चालू खाता संतुलन और व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में सहायक रही है.

निर्यातकों को अपने बाजारों में विविधता लाने और उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए उन्हें बेहतर वित्तीय सहयोग और पर्याप्त समय उपलब्ध कराना आवश्यक है. इसी उद्देश्य से, अतिरिक्त तरलता सहायता प्रदान करने वाली सक्रिय सरकारी योजना न केवल निर्यातकों की व्यावसायिक वृद्धि को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि नए बाजारों के विस्तार को भी संभव बनाएगी.

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